0 जैविक खेती को लेकर किसानों का रूझान बढ़ा
रायपुर। राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने तथा रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता एवं कृषि लागत को कम करने के उद्देश्य से किसानों द्वारा अब वृहद पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग शुरू कर दिया गया है। गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में क्रय किए गए गोबर से निर्मित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट खाद का उपयोग राज्य के किसान करने लगे हैं। चालू खरीफ सीजन में सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य के साढ़े तीन लाख से अधिक किसानों ने अब तक 8 लाख 86 हजार 478 क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का उठाव किया गया है, जिसमें से 6 लाख 61 हजार 214 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उठाव किसानों ने सहकारी समितियों से अल्पकालीन कृषि ऋण के रूप में किया है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर क्रय कर इसके जरिए वृहद पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा अब तक गौठानों में 17 लाख 80 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तथा 5 लाख 30 हजार 875 क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट खाद तैयार की जा चुकी है, जिसमें से 15 लाख 27 हजार क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट तथा 3 लाख 66 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट का विक्रय हो चुका है।
गौठानों में गोबर से बनने वाली वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट की गुणवत्ता पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। 15 सितम्बर तक वर्मी कम्पोस्ट के 9 हजार 439 नमूने लिए गए, जिसमें से 9147 नमूने का विश्लेषण किया जा चुका है। सभी नमूने मानक स्तर के पाए गए हैं। शेष नमूनों का परीक्षण जारी है। इसी तरह सुपर कम्पोस्ट के 925 में 924 नमूने मानक गुणवत्ता के मिले हैं, एक नमूने की रिपोर्ट आना शेष है। राज्य की 3876 गौठानों में लगभग 2 लाख 52 हजार 810 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार है, जिसकी पैकेजिंग की जा रही है। इसके बाद यह वर्मी कम्पोस्ट विक्रय के लिए नजदीक की सहकारी समितियों को उनके डिमांड के आधार पर प्रदान की जाएगी।
राज्य में वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गौठान में नियमित रूप से गोबर खरीदी की जा रही है। अब तक 82.50 लाख क्विंटल गोबर क्रय किया गया है। गौठानों में गोबर की आवक को देखते हुए इससे वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के लिए वर्मी टांके भी बनाए जा रहे है, ताकि ज्यादा से ज्यादा वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा सके। राज्य के सक्रिय एवं संचालित 8408 गौठानों में एक लाख 4 हजार 372 वर्मी टांको के निर्माण की मंजूरी दी गई है, जिसमें से 95 हजार 787 टांको को निर्माण पूरा करा लिया गया है। 5340 वर्मी टांके निर्माणाधीन है तथा 3330 टांको का निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है।