रायपुर। बीजेपी के महिला मोर्चा के द्वारा शराब बंदी के आंदोलन पर प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि महिला नेत्रियों के द्वारा महज एक दिखावा है ये, यदि इनकी मंशा शराब बंदी की होती तो 15 साल के सरकार में मौन क्यो थे, तब शराब खराब नही लग रही थी। भारतीय जनता पार्टी के नेत्रिया पूर्ववर्ती सरकार डॉ. रमन सिंह से सवाल करे कि कमीशन खोरी के चक्कर में सरकार इतना गिर गई थी कि सरकार खुद शराब बेच रही थी। 15 साल छत्तीसगढ़ के भोली भाली जनता को नशा के गर्त में ठकेलने का काम क्यो किया गया। रमन सिंह के समय शराब के खपत मे छत्तीसगढ़ नंबर 1 पर था। 2016 में गोवा को भी पीछे छत्तीसगढ़ ने पीछे छोड़ दिया था। भारतीय जनता पार्टी नेत्रिया शराब बंदी के आंदोलन कर नौटंकी कर रही है और उधर भाजपा नेता लगातार शराब तस्करी मे पकड़ाते जा रहे है।
प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि प्रदेश की जनता इनके दोहरे चरित्र से वाकिफ हो चुकी है। छत्तीसगढ सरकार जब शराब बंदी के लिये कमेटी बनाई तो एक भी भाजपा विधायक कमेटी में शामिल नही होते है क्योकि इन लोगो की कभी मंशा शराब बंदी पर रही ही नही। हाथी के दांत खाने के और दिखाने के कुछ और होते है ऐसे ही भाजपा के नेता। लगातार कांग्रेस सरकार जनहित में काम कर रही है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के पास मुद्दा ही नही बचा है। इसलिये शराबबंदी के मुद्दा बनाने के लिये कमरतोड़ कोशिश कर रहे। कांग्रेस सरकार नशा मुक्ति के लिये अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। वास्तविक में बीजेपी महिला मोर्चा महिलाओ के लिये चिंतित है तो एक आंदोलन महंगाई पर भी करे केन्द्र सरकार के खिलाफ मोदी को याद दिलाये 100 दिन में कम करने का वादा साहस है तो ये करके दिखाये केन्द्र सरकार से सवाल तो करे 410 रूपये का सिलेण्डर 1170 रूपये में क्यो? 70 रूपये पेट्रोल 102 में क्यो, राहल दाल 65 रूपये प्रति किलों का मूल्य अब 120 रूपये क्यो? हर वस्तु के दाम तिगुने महंगे हो गये है क्यो महिलाये जानना चाहती है।