केंद्रीय रासायनिक एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा को अब खाद की याद आई जब छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की तिथि घोषित हो गई – धनंजय सिंह

0 केंद्रीय उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा को बताना चाहिए खाद आपूर्ति कि शेड्यूल जारी होने के बाद निर्धारित समय में तय खाद क्यों नहीं दिया गया?

रायपुर। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा को रसायनिक खाद की कमी के विषय में झूठ फरेब और जुमला सुनाने के बजाये। बताये राज्य सरकार के द्वारा चालू खरीफ वर्ष के लिए मांगी गई 5 लाख 50 हजार टन रासायनिक खाद में मोदी सरकार कटौती क्यों किया ? 5 लाख 30 हजार टन रासायनिक खाद देने की सहमति दी और खाद सप्लाई का शेड्यूल जारी करने के बाद तय समय मे खाद की आपूर्ति क्यो नही की गई? छत्तीसगढ़ में खाद लाने के लिए रेल मंत्रालय ने समय पर रेक क्यों नहीं दिया? किस-किस महीने में कितना-कितना खाद छत्तीसगढ़ को मिलेगा। ये शेड्यूल जारी के बाद भी केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय में रसायनिक खादो की आपूर्ति क्यो नही किया? जिसके चलते प्रदेश के किसानों को धान की बुवाई के समय खाद नहीं मिल पाया। छत्तीसगढ़ ही नहीं भाजपा शासित राज्यों में भी खाद की कमी देखी गई है पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में तो रसायनिक खाद मांग रहे किसानों के ऊपर लाठीचार्ज तक की घटनाएं हुई है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि धान बुवाई के समय खाद की कमी देशभर में थी उस दौरान मोदी सरकार के किसी भी मंत्री में साहस नहीं था कि वह किसानों के बीच जाए और यह कहे कि किसी प्रकार से खाद की कमी नहीं है आज जब प्रदेश में धान कटाई का समय आ रहा है और धान खरीदी की तिथि घोषित हो गई। तब रसायनिक एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खूबा किसानों को समय में रसायनिक खाद देने में नाकाम मोदी सरकार की किसान विरोधी चरित्र और नीति पर पर्दा करने सफाई देने आए हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसानों को धान के कीमत वादा अनुसार 2500 रु प्रति क्विंटल दे रही है जिसके चलते प्रदेश में धान उत्पादन करने वाले किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है पहले 10 से 12 लाख किसान ही धान बेचने पंजीयन कराते थे अब वो संख्या 25 लाख से ऊपर हैं और धान की पैदावार भी पहले की 25 लाख हेक्टर से बढ़कर 30 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में रसायनिक खादों की मांग पूर्व की रमन सरकार के दौरान की मांग से ज्यादा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *