दुर्ग । कृषि विज्ञान केन्द्र, अंजोरा द्वारा दिनांक 17 सितम्बर 2022 को ’’राष्ट्रीय पोषण अभियान एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम’’ साथ ही ’’ड्रोन द्वारा नैनो यूरिया छिड़काव प्रदर्शन’’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ. (कर्नल) एन.पी. दक्षिणकर, माननीय कुलपति, दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। डॉ. संजय शाक्य, निदेशक विस्तार शिक्षा कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं श्रीमती संगीता साहू, सरपंच ग्राम पंचायत, अंजोरा एवं श्री आर.एस. तिवारी राज्य विपणन प्रबंधक, रायपुर विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम के पूर्व इफको एवं कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा ड्रोन तकनीकी से धान की फसल पर नैनो यूरिया छिड़काव का प्रक्षेत्र में प्रदर्शन एवं वृक्षारोपण किया गया।
डॉ. (कर्नल) एन.पी. दक्षिणकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि सुपोषित भारत अभियान गत पॉच वर्ष से आयोजित किया जा रहा है। परिवार के अच्छे पोषण के लिए सालभर सब्जी-भाजी एवं मौसमी फलों का सेवन करना जरूरी है, इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये बाड़ी में पोषण वाटिका को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होने महिला कृषकों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वाटिका में मुनगा, पपीता एवं केला को लगाने का संकल्प करें। यदि बाड़ी नही हो तो अपने घर के छत पर बेकार पड़ी डिब्बा बाल्टियों का उपयोग कर सब्जी-भाजी का उत्पादन कर सकते है। डबरी में जहॉ पानी जमा रहता है वहॉ देसी छोटी मछलियों का पालन करेगें तो इनके सेवन से सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ती करने में मदद मिलेगी।
डॉ. संजय शाक्य ने बच्चों में कुपोषण एवं महिलाओं में एनीमिया साथ ही प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिये संतुलित आहार लेने की आवश्यकता पर बल दिया। पोषण के स्तर एवं परिवार की आर्थिक स्थिति का सीधा संबंध है। इफको के श्री आर.एस. तिवारी ने भूमि का स्वास्थ्य अच्छा तो पोषण अच्छा बताया। आत्मनिर्भर कृषि के लिये उर्वरक का सही उपयोग करना आवश्यक है। यूरिया की लागत कम करने के लिये नैनो यूरिया से होने वाले लाभ की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर जिले की 105 आंगनबाड़ी कार्यकर्तां एवं कृषक महिलाओं को इफको के सहयोग से मौसमी सब्जियों के बीज पैकेट का वितरण किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ कृषि महाविद्यालय, धनोरा दुर्ग के शिक्षक एवं रावे के छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे। इफकों से जिला प्रबंधक श्री दिनेश गांधी, इंडियन पोटाश से श्री ओ.पी. गिरी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में केन्द्र के कार्यक्रम समन्यक डॉ. वी.एन. खुणे, विश्वविद्यालय जनसंपर्क अधिकारी डॉ.दिलीप चौधरी, वैज्ञानिक डॉ. उमेश पटेल, डॉ. राजकुमार गढ़पायले एवं श्रीमती सोनिया खलखो का सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. निशा शर्मा तथा आभार प्रदर्शन डॉ. एस.के. थापक ने किया।