बिलासपुर। सिम्स अस्पताल में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। पूर्व एल्डरमैन मनीष अग्रवाल ने कहा है कि ऑक्सीजन सपोर्ट न मिलने और डॉक्टरों की बेरुखी के कारण एक बच्ची की मौत हो गयी है।
बताया गया है कि बुधवार दोपहर कोनी थाना क्षेत्र की छोटी कोनी में रहने वाली रानू सोनवानी को पेट दर्द की शिकायत होने पर परिजनों ने इलाज के लिए उसे सिम्स अस्पताल में दाखिल कराया। इलाज के दौरान पेट दर्द और अत्यधिक तबियत खराब होने के कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगी, बच्ची की हालत बिगड़ती देख परिजनों ने वार्ड में मौजूद नर्स को ऑक्सीजन सपोर्ट लगाने और डॉक्टरों को इस संबंध में जानकारी देने की बात कही। लेकिन ऑक्सीजन सपोर्ट न मिलने और वार्ड में डॉक्टर न होने के कारण एक मासूम बच्ची की अस्पताल में दर्दनाक मौत हो गयी। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए बताया कि इलाज के दौरान अचानक रानू की तबियत खराब होने लगी। वार्ड में मौजूद नर्स को इस बात की जानकारी थी कि बच्ची की तबियत लगातार खराब होती जा रही है, फिर भी उसने डॉक्टर को बुलाना मुनासिब नहीं समझा। जिसके कारण दसवीं क्लास में पढ़ने वाली 19 साल की रानू सोनवानी की अस्पताल में मौत हो गई।
कहा जा रहा है कि संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में बिलासपुर ही नहीं बल्कि अन्य जिलों से लोग बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए सिम्स अस्पताल आते हैं। लेकिन आए दिन मरीज और उनके परिजनों के साथ सिम्स अस्पताल में दुर्व्यवहार और लापरवाही का मामला सामने आता रहता है और जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो सिम्स प्रबंधन डॉक्टर की कमी होने का ठीकरा फोड़ता रहता है। इससे पहले भी बीते दिनों राजकुमार निवासी परसदा बिल्हा के अस्पताल में मरीज के परिजन के साथ बदसलूकी एवं उनके परिजनों को मरीज़ को बाहर प्राइवेट अस्पताल में ले जाने कहने का वीडियो वायरल हुआ था।
पूर्व एल्डरमैन अग्रवाल के अनुसार सिम्स प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित कर मरीजों को सुविधा देने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, राज्यपाल के नाम से ज्ञापन दिया गया था। वीडियो वायरल होने के बाद सिम्स के डॉक्टरों की जमकर किरकिरी हुई थी लेकिन प्रबंधन को इससे कोई मतलब नहीं, उनके लिए इन जान की कीमत कुछ भी नहीं। एक सप्ताह के अंदर यह दूसरी अमानवीय घटना है।