कवर्धा। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के समीप बन रहे प्रदेश के पहले एथनॉल प्लांट के कार्यो का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने कृषि पर अधारित इथेनाल प्लांट के निर्माण कार्यो में और तेजी लाने तथा समय-सीमा के भीतर निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एन.के.जे. बॉयोफ्यूल के तकनीकी अधिकारियों ने बताया कि आगामी नववर्ष तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। राज्य शासन द्वारा कबीरधाम जिले में प्रदेश का सबसे बड़ा और पहला एथनॉल प्लांट की स्थापना की जा रही है। एथनॉल प्लांट की स्थापना के लिए भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना की खाली भूखंड 35 एकड़ भूमि को चिन्हांकित किया गया है। कलेक्टर ने इसके बाद भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में चल रहे मेंटेनेंस कार्यो का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के महाप्रबंधक श्री भूपेन्द्र ठाकुर उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कृषि पर आधारित इथेनाल प्लांट प्राथमिकता वाली योजनाओं में शामिल है। पीपीपी मॉडल से स्थापित होने वाले देश के पहले इथेनॉल प्लांट की स्थापना के संबंध में अनुबंध भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने तथा छत्तीसगढ़ डिस्टीलरी लिमिटेड की सहायक इकाई एन.के.जे. बॉयोफ्यूल लिमिटेड के मध्य किया गया। इथेनॉल संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे तथा क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा। किसानों को गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में सरकार के गठन के साथ ही किसानों से संबंधित मुद्दे सर्वोपरि रहे हैं, सर्वप्रथम कृषि ऋणों की माफी की गई तथा गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए शक्कर कारखानों की आर्थिक कठिनाई के स्थाई निदान के लिए पीपीपी मॉडल से इथेनॉल प्लांट की स्थापना की जा रही है। पी.पी.पी. मॉडल से ईथेनॉल प्लांट की स्थापना का पूरे देश में यह पहला उदाहरण है।
भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के महाप्रबंधक ठाकुर ने बताया कि इथेनाल प्लांट हाईब्रीड टेक्नालाजी से बनेगा, जिसमें गन्ना पेराई सीजन के दौरान सीधे गन्ने के जूस से तथा आफ सीजन के दौरान मोलासीस से इथेनाल बनाया जाएगा। गन्ने के रस को इथेनाल में डायवर्ड करने के कारण अधिक जूस की जरूरत पडे़गी उसकी पूर्ति के लिए किसानों से अधिक से अधिक गन्ना क्रय किया जाएगा। कारखाने में गन्ने का रस निकालने के लिए और यूनिट लगाई जाएगी। किसानों को गन्ने के मूल्य का भुगतान समय पर सुनिश्चित हो सकेगा। कोरोना जनित विपरीत परिस्थितियों, विपरीत आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र की आर्थिक एवं तकनीकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पी.पी.पी. मॉडल का चयन किया गया। राज्य शासन के निर्णय के पालन में प्रथम चरण में भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने में पी.पी.पी. मॉडल से इथेनॉल प्लांट की स्थापना की कार्यवाही की जा जाएगी। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा में न्यूनतम 80 केएलपीडी क्षमता के ईथेनॉल प्लांट की स्थापना हेतु देश का पीपीपी मॉडल से पहला उदाहरण होने के कारण निवेशक चयन के लिए प्रक्रिया के सूक्ष्म पहलूओं को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर निविदा सफलतापूर्वक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से पूर्ण की गई।