0 देश के कृषि वैज्ञानिकों को रायपुर में आयोजित होने वाली दो दिवसीय कार्यशाला में दिया जाएगा केला तना रेशा से बना कान्फ्रेंस बेग
0 इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के ऑर्डर पर राखी गौठान की महिला समूह ने 250 नग कान्फ्रेंस बेग सप्लाई की
रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा रायपुर में 16 एवं 17 अगस्त को आयोजित देशभर के कृषि वैज्ञानिकों की कार्यशाला में केला तना रेशा से बना कान्फ्रेंस बेग भेंट स्वरूप दिया जाएगा। केला तना रेशा से यह कान्फ्रेंस बेग बेमेतरा जिले के साजा विकासखण्ड के आदर्श गौठान राखी से जुड़ी उन्नति केला तना रेशा उत्पादक महिला समूह ने तैयार किया है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के ऑर्डर पर महिला समूह ने 250 नग कान्फ्रेंस बेग की आपूर्ति की है।
गौरतलब है कि देश में दलहनी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान एवं विकास हेतु कार्ययोजना एवं रणनीति तैयार करने देश के विभिन्न राज्यों के सौ से अधिक दलहन वैज्ञानिक, 17 एवं 18 अगस्त को कृषि विश्वविद्यालय में जुटेंगे। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सहयोग से यहां दो दिवसीय रबी दलहन कार्यशाला एवं वार्षिक समूह बैठक का आयोजन किया जा रहा है। कृषि महाविद्यालय रायपुर के सभागृह में आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे करेंगे। दो दिवसीय रबी दलहन कार्यशाला में दलहन की फसलों का उत्पादन बढ़ाने हेतु नवीन उन्नत किस्मों विकास एवं अनुसंधान पर विचार-मंथन किया जाएगा।
यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य के गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां कृषि एवं वनोपज आधारित उत्पाद के प्रसंस्करण के अलावा समूह की महिलाएं विविध प्रकार की आयमूलक गतिविधियां संचालित कर रही है। आदर्श गौठान ग्राम राखी में महिला समूह द्वारा केला तना से केला तना रेशा, केला तना जल व पल्प का निष्कासन किया जा रहा है। इस काम में उन्नति केला तना रेशा उत्पादक महिला समिति की महिलाएं जुटी हुई हैं।
कृषि विज्ञान केन्द्र ढोलिया बेमेतरा के कृषि वैज्ञानिक डॉ. रंजीत सिंह राजपुत ने बताया कि केला तना रेशा उत्पादक इकाई से केला तना रेशा निकाल कर महिलाओं द्वारा हैण्डलूम में मेट बनाने का कार्य किया जा रहा है। केला तना रेशा मेट को सिलाई कर कान्फ्रेन्स बेग तैयार किया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा उन्नति केला तना रेशा उत्पादक समिति की महिलाओं को पूर्व में हथकरघा एवं हस्तशिल्प निर्माण का 15 दिवसीय प्रशिक्षण के साथ ही 7 दिवसीय सिलाई कार्य का भी प्रशिक्षण प्रदान दिया गया है।
महिला समिति द्वारा केला तना रेशा मेट से फाईल-फोल्डर, कान्फ्रेन्स बेग, लेपटॉप बेग, पर्दा इत्यादि के साथ-साथ हैण्डबेग, टेबल रनर एवं अन्य उत्पाद तैयार किये जा रहे है। केला तना रेशा से निर्मित हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पादों को छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों में होने वाले प्रशिक्षण, कान्फ्रेन्स, वर्कशॉप एवं कार्यालयीन उपयोग के लिए मांग अनुसार आपूर्ति की व्यवस्था की गई है।