रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन की कार्यवाही आज भारी हंगामाखेज रही। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में प्रश्न किया। मुख्यमंत्री के उत्तर से असंतुष्ट विपक्ष ने जमकर हंगामा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जवाब नहीं दे पा रहे हैं। मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने जमकर टोकाटोकी की। इस पर मुख्यमंत्री ने एतराज जताया। हंगामे के बीच अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
प्रदेश में कार्यरत अनियमित, संविदा, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कोई कमेटी गठित करने संबंधी सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ12-1/2019-3 दिनांक11.12.2019 द्वारा प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। समिति की बैठक 09.01.2020 को सम्पन्न हुई। समिति द्वारा बैठक में अनुशंसा की गई कि विभागों में पदस्थ अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्या की पूर्व उपलब्ध औपचारिक जानकारी प्राप्त की जाये। विधि एवं विधायी विभाग का परामर्श अभिमत प्राप्त किया जाये। अन्य अनुशंसाओं का जिक्र करते हुए बताया गया कि विधि विभाग की टीप दिनांक 25.05.2019 के अनुसार महाधिवक्ता का अभिमत प्राप्त होने पर सामान्य प्रशासन विभाग को प्रेषित किया जायेगा, जो अपेक्षित है।
मुख्यमंत्री के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जनघोषणा पत्र में नियमितिकरण के लिए कहा गया था। वर्ष 2018 से 2022 में अब तक क्या स्थिति है । जवाब आया है कि एक कमेटी बनाई है। कुल कितनी बैठक हुई? मुख्यमंत्री ने बताया कि एक बैठक हुई है।कुछ विभागों की जानकारी आई है कुछ विभागों की जानकारी नहीं आई है। विधि विभाग के अभिमत के बाद फैसला होगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि क्या उम्मीद करें कि 5 साल के कार्यकाल में अभिमत आ जायेगा। इस मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।