रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन के द्वारा यह कहना कि भ्रष्टाचार के एक रु के भी आरोप लगने पर वो राजनीति से सन्यास ले लेंगे नया भाजपाई जुमला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि रमन से के ऊपर भ्र्ष्टाचार के एक नहीं अनेक प्रमाणिक आरोप लगे हैं । उनमें साहस हो तो तत्काल राजनीति से सन्यास ले ले।जब रमन मुख्यमंत्री थे तब 36000 करोड़ का नान घोटाला हुआ था नान डायरी के पन्नो में सीएम हाउस सीएम मेडम ऐश्वर्या रेसीडेंसी वाली मेडम के उल्लेख रमन सिंह को सन्यास लेने के लिए पर्याप्त हैं। रमन सिंह के पैतृक निवास रमन मेडिकल स्टोर विध्यवासिनी वार्ड कवर्धा के पते पर उनके पुत्र के नाम का उल्लेख पनामा पेपर में आता है वर्जिन आइलैंड में उनका खाता खुलता है मुख्य मंत्री रहते कभी जांच करवाने का साहस नहीं दिखा पाए ।अंतागढ़ और डीकेएस घोटाला के साक्ष्य कम है ?यदि वास्तव में नैतिकता हो तो बड़े बड़े बयान देने के बजाय राजनीति से सन्यास लेने का साहस दिखाए।अगुस्ता हेलीकाप्टर घोटाले का इशारा भी उनकी ओर ही था ,और कितने आरोपो का इंतजार कर रहे रमन सिंह।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए अपने राज में कमीशन खोरी को स्वीकार खुद रमन सिंह ने किया था ।उन्होंने कार्यकर्ताओ से फिर से सरकार बनाने की दुहाई दे कर 1 साल के लिए कमीशन खोरी बन्द करने का आह्वान किया था ।एक मुख्यमंत्री जिसके ऊपर भ्र्ष्टाचार रोकने के लिए सारे तंत्र उपलब्ध थे वह भाजपाइयों से कमीशन कुछ दिनों के लिए बन्द करने की बात करता है मतलब कमीशन खोरी का वह पूरा गोरख धंधा उनकी सहमति से चल रहा था । इन सारे तथ्यों के बाद रमन सिंह को और क्या प्रमाण चाहिए ? अब तो सवाल नैतिकता का है उनमें हिम्मत है वह अपनी बात पर कायम है तो बताए राजनीति से सन्यास कब लेंगे?