सदन में गूंजा बीएसपी ठेका मजदूरों की सुरक्षा का मामला…

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में आज कांग्रेस सदस्य देवेंद्र यादव ने भिलाई इस्पात संयंत्र में दुर्घटना और इससे हुई मौत पर प्रबंधन द्वारा क्षतिपूर्ति और अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित सवाल उठाया। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिव कुमार डहरिया को इस मामले में कड़ाई बरतने के निर्देश दिये।

भिलाई विधायक देवेंद्र यादव ने प्रश्न किया कि वर्ष 2019 से जून 2022 तक बीएसपी के अंदर कितनी दुर्घटना घटित हुई हैं एवं कितने कार्यरत बीएसपी ठेका श्रमिकों की मौत/ गंभीर दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, इसकी वर्ष वार जानकारी दें। उन्होंने पूछा कि बीएसपी में कार्यरत ठेका श्रमिकों की सुरक्षा की व्यवस्था क्या निर्धारित सुरक्षा मानकों के आधार पर है? यदि है तो दुर्घटना के क्या कारण हैं? इस पर प्रबंधन का क्या नियंत्रण है? क्या संयंत्र के अंदर कार्यरत ठेका श्रमिकों की दुर्घटना में हुई मृत्यु पर प्रबंधन द्वारा क्षतिपूर्ति के रूप में आश्रित परिवारों में किसी एक को नौकरी देने का राज्य शासन के इस नीति नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि हां तो वर्ष 2019 से अब तक कितनों को नौकरी प्रदाय की गई? देवेंद्र यादव के प्रश्न पर उत्तर देते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने बताया कि वर्ष 2019 से जून 2022 तक भिलाई इस्पात संयंत्र भिलाई में 22 दुर्घटनाएं घटित हुई हैं जिसमें 12 ठेका श्रमिकों की मृत्यु 09 ठेका श्रमिक गंभीर रूप से घायल तथा तीन नियमित श्रमिकों की मृत्यु हुई है। भिलाई इस्पात संयंत्र में दुर्घटनाओं की जांच करने पर बीएसपी प्रबंधन द्वारा कार्यों में सन्निहित खतरों का आकलन किए बगैर श्रमिकों को नियोजित कर असुरक्षित कार्यविधि अपनाए जाने से दुर्घटनाएं घटित होना परिलक्षित हुआ। कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधान के अनुसार कारखाने में नियोजित समस्त श्रमिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दायित्व एवं नियंत्रण कारखाना प्रबंधन पर निहित है। श्रम अधिनियम के अंतर्गत कारखानों में श्रमिकों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को नौकरी देने संबंधी प्रावधान नहीं है। परंतु श्रम विभाग द्वारा मानवीय आधार पर मृतक श्रमिकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दिलवाए जाने का प्रयास किया जाता है। भिलाई इस्पात संयंत्र भिलाई द्वारा दुर्घटनाओं में मृतक श्रमिक के आश्रित में से किसी एक को अनुकंपा नियुक्ति देने की कार्रवाई कंपनी की नीति के अनुसार की जाती है। वर्ष 2019 से जून 2022 तक दुर्घटनाओं में मृतक 12 ठेका श्रमिकों में से 4 ठेका श्रमिकों के आश्रितों को एवं मृतक 3 नियमित श्रमिकों में से दो श्रमिकों के आश्रितों को कारखाना प्रबंधन द्वारा अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है। इस पर भिलाई विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि शेष मृतक मजदूरों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति जल्द दिलाई जानी चाहिए। इस पर मंत्री डहरिया ले कहा कि केंद्रीय संस्थान है, उनके नियम हैं। ठेका मजदूरों के लिए प्रयास करेंगे। इस पर अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि चर्चा तक सीमित न रहें। कड़ाई से पेश आएं।

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