चेम्बर का प्रतिनिधि मंडल वाणिज्यिक कर मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव से मिलकर अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों पर लगे 5ः जीएसटी से मुक्त रखने हेतु सौंपा ज्ञापन…

रायपुर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि आज दिनांक 14 जुलाई 2022 को चेम्बर प्रतिनिधि मंडल ने जीएसटी कॉउंसिल द्वारा किसी भी प्रकार का मार्का लगे हुए खाद्यान्न, बटर, दही, लस्सी आदि को 5 प्रतिशत के कर स्लैब में लाने से व्यापारियों एवं आम नागरिकों पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव से अवगत कराने हेतु वाणिज्यिक कर मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव  को ज्ञापन सौंपा।

चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने कहा कि अब तक ब्रांडेड नहीं होने पर विशेष खाद्य पदार्थों, अनाज आदि को जीएसटी से छूट दी गई थी। कॉउन्सिल के इस निर्णय से प्री-पैक, प्री-लेबल वस्तुओं को अब जीएसटी के कर दायरे में लाया गया है । अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों जैसे आटा,पोहा इत्यादि पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी का प्रावधान किया गया है जिससे पुरे देश भर में 6500 से अधिक अनाज मंडियों में खाद्यान्न व्यापारियों के व्यापार में बड़ा अवरोध आ रहा है। इस निर्णय का वित्तीय बोझ आम लोगों पर किस प्रकार से पड़ेगा इस दिशा में कोई विचार नहीं किया गया है । देश में केवल 15 प्रतिशत आबादी ही बड़े ब्रांड का सामान उपयोग करती है जबकि 85 प्रतिशत जनता बिना ब्रांड या मार्का वाले उत्पादों से ही जीवन चलाती है । जीवन यापन की आम वस्तुओं को कर के दायरे में लाने से इसका पूरा बोझ गरीब और मध्यम वर्गीय जनता पर पड़ रहा है ।

श्री पारवानी ने आगे कहा कि जीएसटी काउन्सिल द्वारा लिए गए निर्णय से प्रथम दृष्ट्या किसान भी इस निर्णय से प्रभावित होते दिखाई दे रहे हैं क्योंकि किसान भी अपनी फसल बोरे में पैक करके लाते है तो क्या उस पर भी जीएसटी लगेगा? जिसे काउन्सिल ने स्पष्ट नहीं किया है। कृषि उत्पादों जैसे- पनीर, छाछ, पैकेज्ड दही, गेहूं का आटा, अन्य अनाज, शहद, पापड़, खाद्यान्न, मांस और मछली (फ्रोजन को छोड़कर), मुरमुरे और गुड़ आदि भी महंगे हो जाएंगे जिसे आम जनता द्वारा मुख्य रूप से दैनिक उपयोग में लाया जाता है। यदि कोई बिना मार्का के किसी सामान को बेचना भी चाहे तो नहीं बेच सकता और मार्का लगते ही वस्तु जीएसटी के दायरे में आ जाता है जो न्यायोचित नहीं है तथा इन वस्तुओं को जीएसटी के कर स्लैब में लाना अव्यवहारिक है।

मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव ने इस विषय पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए उचित कदम उठाने की बात कही।प्रतिनिधि मंडल में चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष राम मंधान, मंत्री- गोविंद माहेश्वरी, जवाहर थारानी, डुमरतराई व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष हरीश दरयानी, उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल, रायपुर दाल मिल एसोसियेशन के अध्यक्ष संजीत गोयल, महासचिव नानक तनवानी, रायपुर आटा चक्की एसोसियेशन के अध्यक्ष रवि रंगलानी एवं सचिव संजय शादीजा आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

 

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