रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में दुग्ध उत्पादन एवं डेयरी के व्यवसाय को बढ़ावा देेने के लिए राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को इकाई लागत का 50 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों को दो तिहाई अनुदान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना के तहत गौठानों में डेयरी स्थापित करने वाले 25 हितग्राहियों को 13 लाख 63 हजार 500 रुपए की अनुदान सहायता राशि उनके बैंक खातों में अंतरित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में उत्पादित होने वाले दूध का वितरण आंगनबाड़ी और स्कूलों के मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में किया जाना चाहिए। जिससे बच्चों का कुपोषण दूर होगा और दूध उत्पादकों को भी अच्छा मूल्य मिल सकेगा। उन्होंने इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांकेर जिले के पोटगांव गौठान, कोण्डागांव के बोलबोला गौठान, बलौदाबाजार के पुरैना खपरी गौठान, दुर्ग के मोहलई गौठान एवं रायगढ़ के बनसियां गौठान में डेयरी चलाने वाले हितग्रहियों से चर्चा कर उन्हें राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई अनुदान राशि, दूध का गांवों में मिल रहे रेट, पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था की जानकारी ली।
डेयरी व्यवसाय से जुड़ी कांकेर जिला के पोटगांव गौठान के स्व-सहायता समूह की हितग्राही श्रीमती प्यारी टांडिया, श्रीमती भोज बेलोदिया, श्रीमती प्रेमिता भेड़िया और श्रीमती अंजू कुल्हरिया को भी अनुदान राशि प्राप्त हुई। प्रत्येक हितग्राही को 70 हजार रुपये की लागत के जर्सी नस्ल की दुधारू गाय एवं बछड़ा दिया गया है, जिसके लिए पशुधन विकास विभाग के मद से 46 हजार 620 रुपये और शेष राशि डीएमएफ मद से अनुदान में दी गई है। गाय-बछड़ा के लिए तीन महीने का दाना भी दिया गया है। दुधारू गाय प्राप्त होने से हितग्राही महिला श्रीमती अंजू कुल्हारिया ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि प्रतिदिन 10 लीटर दूध मिलेगा जिसे कांकेर ले जाकर बेचेंगे तथा गाय के गोबर को अपने गांव के गौठान में बेचकर आमदनी प्राप्त करेंगे। राज्य शासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उनके द्वारा गाय-बछड़े की अच्छी तरह देखभाल की जायेगी।
पोटगांव गौठान में उपस्थित संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी ने गौठान में संचालित विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।