जगदलपुर। बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने विदालेता कलेक्टर रजत बंसल के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें प्रतीक चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह विदाई समारोह नहीं है। यह कार्यक्रम तो अच्छे कार्य करने के लिए यह सम्मान समारोह है। बस्तर कलेक्टर के रूप में रजत बंसल ने बस्तर की रीती नीति को संजो कर रखा और एक अच्छी पहचान दिलाते हुए आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के नाते एक बादल अकादमी से सभी वर्गों को जोड़ने का प्रयास किया। विश्व के सभी लोग जिस जीवन शैली को अपना रहे हैं उसी जीवन शैली के साथ यहां के आदिवासी युगों से विकास कर रहे हैं। यहां की भाषा – बोली को विविधता और प्रकृति से जुड़कर रहने की कला के संरक्षणपर श्री बंसल ने हमेशा से जोर दिया है।
कलेक्टर रजत बंसल ने कहा कि बस्तर कभी जीवन में मिलने के हिसाब से आएंगे और विशेष रूप से यह एक बात बोलना चाहूंगा कि हमारे पीछे हमें मजबूती देने वाले बस्तर विधायक जी रहे। खासतौर पर मेरे मार्गदर्शक रहे। आदिवासी संस्कृति को लेकर काम जो भी थोड़ा बहुत कर पाए बस्तर विधायक के मार्गदर्शन में किया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्र भूपेश बघेल का भी बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल से संस्कृति रीती नीति भाषा बोली अनेक कार्यों की जानकारी लेने के लिए निर्देश रहा है। बस्तर विधायकने हमारा लगातार मार्गदर्शन किया। उनके मार्गदर्शन पर चलकर बादल एकडमी बनीवऔर बस्तर विधायक की मंशा अनुरूप गिरोला कार्यक्रम के दौरान पुजारी,गायता,पटेल, मोहरिया, के लिए मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा हुई, यह भी निश्चित तौर पर एक अच्छी पहल रही है
कार्यक्रम में बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल, बस्तर कलेक्टर रजत बंसल, बस्तर आईजी पी. सुंदरराज, जिला पंचायत सीईओ रोहित व्यास, बस्तर एसडीएम ओमप्रकाश वर्मा, नगर निगम आयुक्त दिनेश नाग, तहसीलदार पुष्पराज पात्र, कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष बलराम मौर्य ,नगर निगम अध्यक्ष कविता साहू, बालक राम जोशी, दिनेश यदु, ईश्वर खम्बारी, रतन राम कश्यप, बालेश दुबे, क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस जन एवं सरपंच जनप्रतिनिधि गण अधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।