कभी इस पार, कभी उस पार, अंतरराज्यीय रेत माफिया का बेधड़क कारोबार…

 

अर्जुन झा

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ और ओड़िशा राज्य की सीमा को जोड़ने वाली भसकेल नदी में अंतरराज्यीय रेत माफिया का साम्राज्य स्थापित है और रेत माफिया के सामने दोनों राज्यों का प्रशासन व पुलिस कितनी सख्त है, इसकी झलक भी जब तब देखने मिलती रहती है। नदिया के इस पार सख्ती बढ़ी तो उस पार रेत खनन और उस पार कड़ाई हुई तो इस पार अवैध कारोबार धड़ल्ले से चलता है। अब छत्तीसगढ़ की पुलिस नदिया के पार ओड़िशा में तो रेत खनन रोकेगी नहीं और ओड़िशा पुलिस को क्या गरज पड़ी है कि इस पार छत्तीसगढ़ में आकर रेत माफिया पर हाथ डाले। जानकारों का कहना है कि यह अवैध खनन दोनों तरफ मिलीभगत से चल रहा है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 20 जून को छत्तीसगढ़ प्रदेश के बकावंड तहसील अंतर्गत बजावंड में जिले के माइनिंग विभाग की टीम द्वारा एक रेत माफिया पर कार्यवाही करते हुए रेत व भारी वाहन जप्त किया गया जिसके दो दिन बाद फिर रेत माफिया द्वारा ओड़िशा के कोडेंगा क्षेत्र में रेत का अवैध उत्खनन करते हुए रेत को अन्य जगहों पर डंप करना दोनों राज्यों के जिला प्रशासन को चुनौती नहीं तो क्या है। दूसरी तरफ चर्चाओं का बाजार गर्म है कि प्रशासन व पुलिस के साथ साठगांठ किए बिना अवैध उत्खनन कैसे हो सकता है?

 

भाजपा नेता ने लगाए गंभीर आरोप
भारतीय जनता पार्टी के बस्तर जिले के नगर मंडल अध्यक्ष सूरेश गुप्ता ने आरोप लगाया है कि माफिया राज इस कदर दोनों राज्यों में हावी है कि माफिया पर कार्यवाही के दो दिनों के भीतर ही फिर बदस्तूर अवैध उत्खनन कर प्रशासन को खुली चुनौती दी जा रही है।

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