रायपुर। राजधानी के केनाल लिंकिग रोड स्थित वीरांगना रानी दुर्गावती प्रतिमा स्थल पर उनका 459 वां बलिदान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मंत्री, छग, शासन, अदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग, डॉ. राजकुमारी दीवान, उपाध्यक्ष, अनु जनजाति आयोग, अर्चना पोर्ते, सदस्य, अनु. जनजाति आयोग, बी पी. एस. नेताम, पूर्व अध्यक्ष, सर्व आदिवासी समाज उपस्थित थे। मंत्री श्री टेकाम द्वारा रानी दुर्गावती की वीरगाथा को याद करते हुए उनके अदम्य साहस और पराक्रम को नमन कर श्रद्धाजलि दी गई। डॉ. राजकुमारी दीवान द्वारा वीरांगना रानी दुर्गावती के द्वारा मुगल शासकों से लोहा लेने एवं उनकी पराधीनता को स्वीकार नहीं करने तथा बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त होने का स्मरणको किया गया। सदस्य अर्चना पोर्ते ने कहा कि रानी दुर्गावती का विवाह गोंड राजा दलपत शाह के साथ हुआ था। विवाह के 04 वर्ष के बाद उनके पति राजा दलपत शाह की असामयिक मृत्यु हो गई। उन्होंने अपने पुत्र वीरनारायण को अपने सिंहासन में बिठाकर उनके संरक्षक के रूप में मध्यप्रदेश राज्य के गोंडवाना क्षेत्र गढ़मंडला में शासन किया तथा मातृभूमि की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक मुगल सेना का बहादुरी से मुकाबला किया। रानी दुर्गावती को श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। उक्त कार्यकम में आयोग के सचिव के.एस. घुव, आयोग के समस्त स्टॉफ सर्व आदिवासी समाज, छ.ग. आदिवासी शासकीय सेवक संघ एव आदिवासी छात्र संगठन के अनेक पदाधिकारी एवं सदस्यगण मौजूद थे।