बाकी सब ठीक है…

(सत्यप्रकाश दुबे)

रायपुर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर चाम्पा जिले के मालखरौदा इलाके के पिहरीद का मासूम बच्चा राहुल साहू छत्तीसगढ़ के जीवट का प्रतीक और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित हर एक छत्तीसगढ़िया की आंख का तारा बन गया है। शुक्रवार की दोपहर खेलते खेलते सूखे बोरबेल में 65 फीट की गहराई में फंसे राहुल को देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 105 घंटे बाद बीती आधी रात सुरक्षित निकाल लिया गया। इस सफल ऑपरेशन राहुल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बेहद संवेदनशील भूमिका रही तो बचाव अभियान में लगी टीम ने जिस दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ राहुल को सुरक्षित निकालने अकूत संघर्ष किया, वह वंदनीय है तो जिला कलेक्टर जितेंद्र थवाईत ने जिस कर्मठता से बचाव अभियान का नेतृत्व किया, वह अभिनंदनीय है। जांजगीर के जिला पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक ने प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जिस तरह मुस्तैदी से दायित्व निभाया, वह अतुलनीय है। इसके अलावा जांजगीर के पिहरीद से लेकर पूरे छत्तीसगढ़ की जनता और देश दुनिया के मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण लोगों की दुआओं ने जो असर दिखाया, वह अपेक्षित था। छत्तीसगढ़ एक परिवार है। राहुल के लिए इस परिवार के मुखिया भूपेश बघेल से लेकर परिवार के बुजुर्गों और नन्हें सदस्यों तक की चिंता ने बता दिया कि छत्तीसगढ़ अपनी हर संतान के लिए कितना अधिक संवेदी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल निर्देशन में जुझारू रक्षकों ने असंभव को संभव कर दिखाया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल की दादी से किया वह वादा निभा दिया जब वे अपरिहार्य कारणों से छत्तीसगढ़ से दूर दिल्ली में थे लेकिन उनका दिल बोर की गहराई में सांप और मेंढक के बीच बढ़ते जलस्तर से बेखौफ होकर जीवन के लिए संघर्ष कर रहे राहुल की सलामती के प्रयासों में खोया हुआ था। दिल्ली के बेहद आपाधापी भरे माहौल में भी वे एक पल के लिए भी राहुल के ख्याल से दूर नहीं हुए। यही एक मुखिया की पहचान है। बात राहुल के हौसले और जिंदगी के लिए जिद की है तो उसकी बहादुरी का कोई मुकाबला नहीं। दूसरों की जान बचाने वाले बच्चों को वीरता सम्मान मिलता है। छत्तीसगढ़ के इस बहादुर बच्चे ने जीवित रहने के लिए जो अद्भुत वीरता दिखाई है, वह सम्मान के योग्य है। राहुल ने जीवट का वह आदर्श प्रस्तुत किया है कि भयंकर से भयानक हालात में भी किस धीरज और पराक्रम से जिंदगी की जंग जीती जा सकती है। राहुल को नई जिंदगी देने में अहम योगदान देने वाले संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय ने सुबह दुनिया को एक अच्छी खबर दी कि जांजगीर के बहादुर राहुल साहू सोकर उठ गए हैं। उन्होंने नाश्ता भी कर लिया है। उन्हें हल्का सा बुखार है। बाकी सब ठीक है।

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