एमएसएमई द्वारा आयोजित ऑनलाईन कार्यशाला में कैट सी.जी. चैप्टर एवं चेम्बर शामिल हुआ…

रायपुर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि आज ड्राफ़्ट एमएसएमई पॉलिसी के लिए ऑनलाइन वर्कशॉप दिनांक 9/6/2022 दोपहर 12 बजे शुरू हुआ। जिसमें बिहार , झारखंड , पश्चिम बंगाल , छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य के एमएसएमई डायरेक्टर और उद्योग एवं व्यापार से सम्बंधित संस्था को आमंत्रित किया गया था। जिसमें छत्तीसगढ़ से छत्तीसगढ चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड़ इण्ड़स्ट्रीज प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं कैट सी.जी. चैप्टर एमएसएमई प्रदेश प्रभारी श्री मोहम्मद अली हिरानी शामिल रहे।

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड़ इण्ड़स्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं कैट के एमएसएमई प्रदेश प्रभारी श्री मोहम्मद अली हिरानी ने बताया कि प्रस्तावित ड्राफ़्ट जो बना है, उसमें ईज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस , ऐक्सेस टू क्रेडिट एंड रॉ मटीरीयल्ज़ , इम्प्रूविंग आर एण्ड डी, ग्लोबल एंड डमेस्टिक मार्केट , अडाप्टिंग मॉडर्न एंड अफ़ॉर्डबल टेक्नालजीज़ , लैक ओफ़ मार्केटिंग प्लाट्फ़ोर्म , डिस्ट्रिब्यूशन नेट्वर्क , अफ़ॉर्डबल स्किल्ड लेबर , रिवीजन इन लेबर लॉज़ (क़ानून), डिजिटल सपोर्ट फ़ोर एमएसएमई, प्रटेक्टिंग स्टार्टअप्स , स्किल डिवेलप्मेंट ओफ़ लेबर , क्राइसिस मैनिजमेंट फंड , लेजिस्लेटिव एंड रेगुलेट्री फ़्रेम वर्क , ऑनलाइन ग्रीवन्स रेडरेसल, टेक्नॉलजी अपग्रेडेशन , क्लस्टर डिवेलप्मेंट , प्रॉक्यरमेंट ओफ़ प्रॉडक्ट्स को ड्राफ़्ट पॉलिसी में जगह दी गई है। केवल ज़रूरत इसको ईमानदारी से लागू करने की है, और इसकी जानकारी सभी व्यापारियों तक पहुँचाने की है।

श्री पारवानी एवं श्री हिरानी ने आगे कहा कि सरकार द्वारा समय-समय पर पालिसीयों में वर्तमान आवश्यकतानुसार सुधार किया जाता है। चूंकि कैट एक अखिल भारतीय व्यापारियों का सबसे बड़ा संगठन है। लिंक के अनुसार डाटा एकत्र कर सरकार को नई पालिसीयां में व्यापारिक हितों का ध्यान रखते हुए सुधार करने हेतु आग्रह किया जायेगा। इसी तारतम्य में कैट सी.जी. चैप्टर द्वारा व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों से अनुरोध है कि अपने-अपने संगठनों के सदस्यों को इस लिंक के माध्यम से समग्र जानकारी भरने हेतु प्रेरित करे। ताकि पालिसीयों में व्यापारिक हितार्थ बदलाव हेतु सरकार से आग्रह किया जा सके।

श्री पारवानी एवं श्री हिरानी ने ड्राफ़्ट पॉलिसी हेतु सुझाव दिये हैं जो निम्नानुसार हैः-
1. जो सुविधा एमएसएमई के तहत उधयोग को दी गई है , उसमें से जो दी जा सकती ट्रेडर को वो देना चाहिए । 45 दिन में पेमेंट गैरंटी को सक्ती से लागू करना चाहिए । व्यापार हमेशा जिस के साथ करना है , उसकी शिकायत करने के लिए भी व्यापारी डरता है , इसलिए इस को किसी एजेन्सी द्वारा जाँच करने का सिस्टम होना चाहिए , जिस से डिले पेमेंट की जानकारी बिना शिकायत किए भी मालूम पढ़ जाए ।
2. कैपिटल सब्सिडी के लिए बैंक को नोडल एजेन्सी बनाना चाहिए । ताकि उत्पादन शुरू होने के 30 दिन में सब्सिडी मिल जाए या लेट का ब्याज के साथ मिले ।
3. लोन अकाउंट पोर्टबिलिटी लागू करना चाहिए , बिना अतिरिक्त स्टाम्प पेपर या अधिकतम रूपये 500/- का स्टाम्प पेपर , बिना क्लोज़र चार्ज और नए बैंक में बिना किसी डॉक्युमेंटेशन चार्ज के ।
4. वर्तमान में सभी बैंक द्वारा वर्किंग कैपिटल लोन के नवीनीकरण के लिए हर साल .25 प्रतिशत से 1 प्रतिशत तक डेबिट कर रही है , इसे बंद होना चाहिए ।
5. पीएसयू द्वारा 25 प्रतिशत ख़रीदी एमएसएमई से प्राइस प्रेफ़्रेन्स 15 प्रतिशत को ड्राफ़्ट पॉलिसी में इंक्लूड किया जाना चाहिए , ड्राफ़्ट जो आया है उसमें ये नहीं है ।
6. जिस प्रकार बैंक के एनपीए ग्राहक की जानकारी सीबिल में रिकार्ड रखा जाता है। उसी प्रकार उद्योग और व्यापार के एनपीए ग्राहक का भी रिकार्ड किसी पोर्टल में होना चाहिए ।
7. 50 करोड़ के इन्वेस्टमेंट में जो लिमिट टर्न ओवर पर 250 करोड़ का है उसे बढ़ा के 500 करोड़ किया जाना चाहिए ।

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