रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पूंजीवादी मोदी सरकार और प्रदेश के भाजपा नेता चाहते ही नहीं है कि छत्तीसगढ़ के किसान भरपूर पैदावार ले, इसीलिए मोदी सरकार के द्वारा लगातार रासायनिक खाद के उत्पादन, सप्लाई और सब्सिडी में कटौती की जा रही है।
विगत रबी सीजन में राज्य के द्वारा मांगे गए 7 लाख 50 हजार मीट्रिक टन रासायनिक खाद में केंद्र के द्वारा 45 प्रतिशत कटौती कर दी गई थी और अब आगामी खरीफ सीजन में भी नियमित सप्लाई बाधित की जा रही है। रेलवे का रैक नहीं दिया जा रहा है। विदित हो कि संघीय व्यवस्था के तहत रसायनिक खाद का उत्पादन, वितरण और वितरण केंद्र सरकार का दायित्व है। खरीफ सीजन 2022 के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा किए गए रासायनिक उर्वरक की मांग पर 13.70 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक छत्तीसगढ़ को देने की स्वीकृति दी गई है, परंतु अब तक आपूर्ति 2.5 लाख मीट्रिक से भी कम है। आने वाले 10-15 दिनों में खरीफ की बुवाई और थरहा देने का कार्य आरंभ हो जाएगा। जिसके लिए सभी किसानों को उर्वरक की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही सुदूर वनांचल, नदी नाला प्रभावित क्षेत्रों और पहुंच मार्ग विहीन गांवों के सहकारी समितियों के गोदाम में पूरे खरीफ सीजन के लिए भंडारण मानसून आने से पहले ही करना होगा। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत और सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के द्वारा लगातार नियमित सप्लाई सुनिश्चित करने निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, परंतु भारतीय जनता पार्टी के 9 लोकसभा सांसद, दो राज्यसभा सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय सहित छत्तीसगढ़ के सभी भाजपा नेता दलीय चाटुकारिता के चलते मौन है।
प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में भी खाद पर दी जाने वाली सब्सिडी में केंद्र की मोदी सरकार ने 35 हजार करोड़ की कटौती की थी। खाद्य सब्सिडी और मनरेगा जैसे लोक कल्याणकारी योजनाओं के बजट में प्रत्येक वर्ष लगभग 25 से 35 प्रतिशत की कटौती की जा रही है लेकिन भाजपा नेता मोदी सरकार के द्वारा लगातार किए जाने वाले उक्त कटौती का आधार पूछने का साहस नहीं जुटा पाए।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं से सवाल करते हुए पूछा है कि छत्तीसगढ़ के गांव, गरीब, किसानों, गौपालको और महिला स्व-सहायता समूह की बहनों से भाजपाइयों को इतनी नफ़रत क्यों है? सत्ता में रहते हुए बाहर की एजेंसियों से कमीशनखोरी के लालच में 5 गुना अधिक दाम पर गुणवत्ताविहीन अमानक वर्मी कंपोस्ट खरीदने वाले हैं भाजपाई स्थानीय गोठानों में छत्तीसगढ़ के ही महिला स्व-सहायता समूह की बहनों के द्वारा निर्मित वर्मी कंपोस्ट का विरोध करके छत्तीसगढ़िया और महिला विरोधी चरित्र को प्रदर्शित कर रहे हैं। एक तरफ रासायनिक खाद की सप्लाई बाधित कर रहे हैं, दूसरी ओर भ्रम पैदा करके वर्मी कंपोस्ट और जैविक खेती के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं। 15 साल सरकार में रहने के दौरान बोनस के नाम पर ठगने वाले भाजपाई अब ₹2500 देने पर मोदी सरकार की आपत्ति पर मौन रहने की क्या मजबूरी है? जब-जब केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के हक और अधिकार के खिलाफ फैसले लिए जाते हैं छत्तीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के नेता दलीय चाटुकारिता के चलते हैं मौन धारण कर लेते हैं। खाद की उपलब्धता और नियमित सप्लाई के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कांग्रेस के सांसद लगातार प्रयासरत हैं लेकिन केंद्र में छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि के रूप में चुने गए भाजपा के सांसद अपनी जिम्मेदारी निभाने पूरी तरह से नाकारे साबित हुए हैं।