भाजपा नफरत की सौदागर – कांग्रेस

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस भारत माता की सभी संतानों में कोई भेदभाव नहीं करती और सभी के बीच शांति सौहार्द और भाईचारे की पक्षधर है जबकि भाजपा नफरत की राजनीति करती है। भाजपा का यही चाल चरित्र बृजमोहन अग्रवाल के बयान से जाहिर हो रहा है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा देश के सभी वर्गों के साथ बिना किसी भेदभाव के समानता का व्यवहार किया और कांग्रेस के नेतृत्व में देश का विकास हुआ। आज के हालात किसी से छुपे नहीं हैं। देश की जनता महंगाई बेरोजगारी और भाजपा की केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण कराह रही है। देश के मूलभूत मुद्दों पर ध्यान देने की बजाय भाजपा का ध्यान भारतीयों को एक दूसरे से लड़ाने उलझाने और अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करने पर लगा हुआ है। भाजपा नहीं चाहती कि भारत में सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे इसीलिए उन मुद्दों को जानबूझकर हवा दी जा रही है जिनसे भारतीय समाज की एकता विखंडित हो और देश के दुश्मन इसका फायदा उठाएं। भाजपा नहीं चाहती कि देश में अमन चैन बना रहे और सब मिलकर भारत की तरक्की में योगदान दें। इसलिए वह सांप्रदायिकता भड़काने के अपने एजेंडे पर काम कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल ने क्या कभी वोट मांगते समय हिंदू मुस्लिम का भेद किया है जो वह आज यह कर रहे हैं। भाजपा का एजेंडा भारतीयों को तोड़कर सत्ता में बने रहना है। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव की आहट आते ही सारे भाजपाई ध्रुवीकरण की राजनीति पर उतर आए हैं। कांग्रेस ने कभी भी किसी भी वर्ग अथवा समाज के साथ भेदभाव नहीं किया। कहने को तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास कैसी बातें करते हैं लेकिन हकीकत यही है की भाजपा सबके साथ नहीं है। भाजपा सिर्फ एक आंख से देख रही है और बृजमोहन जैसे नेता भाजपा के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। यदि भाजपा सबके साथ है, सबका विकास चाहती है, वह सबका विश्वास चाहती है तो फिर इस तरह की कलह क्यों पैदा की जा रही है? भाजपा जानबूझकर ऐसे मुद्दे उठाती है ऐसे मुद्दों को तूल देती है जो भारत की एकता को शर्मसार करते हैं भाजपा ने कभी भी देश को जोड़ने की कोशिश नहीं की, बल्कि वह देश को तोड़ने का षड्यंत्र करती है। बृजमोहन अग्रवाल को समझना चाहिए कि वह भारत के लोगों को तोड़ने वाली मानसिकता की अंधभक्ति करके आखिरकार भारत का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं क्या वे चाहते हैं कि भारत में सभी एक दूसरे से लड़ते रहें? यह लोकतांत्रिक देश में भला कैसे संभव है?

 

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