0 सवाल तो इस हेलीकॉप्टर की खरीदी के समय भी उठा था
0 दुर्घटना पर राजनीति भाजपा का स्तरहीन रवैया
रायपुर। राज्य सरकार के अगुस्ता हेलीकॉप्टर के क्रैश होने और इस दुर्घटना में दो पायलटों का निधन दुखद और अपूरणीय क्षति है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी दोनों ही पायलटो के निधन पर गहरी संवेदना प्रकट करती है। पूरी पार्टी और सरकार मृतक पायलटों के परिजनों के साथ खड़ी है, दोनों ही पायलटों को विनम्र श्रद्धांजली।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यजनक है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष इस दुखद घटना पर भी स्तरहीन अमानवीय राजनीति कर रहे है। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि हेलीकाप्टर का नियमित सर्विसिंग देखरेख नहीं होती थी। डॉ. रमन सिंह ने तो पायलटों के शवों के पास मरचुरी के सामने यह राजनैतिक बयान देकर मर्यादाओं का उल्लंघन किया। उन कर्तव्यपरायण पायलटो की क्षमता पर सवाल खड़ा किया है जबकि इन हेलीकाप्टरों की सारी देखरेख स्वयं पायलट की निगरानी में होती थी। नेता प्रतिपक्ष का यह आरोप बेहद ही आपत्तिजनक है, इतनी गंभीर दुर्घटना के बारे में बिना किसी जानकारी के आरोप लगाना अपरिक्व बयान है। देशभर में जितने भी हेलीकाप्टर और विमान है उन सब का परीक्षण कर उसे उड़ान की पात्रता का प्रमाण पत्र डीजीसीए नियमित जारी करती है। छत्तीसगढ़ में हेलीकाप्टर के रखरखाव के लिये योग्य विशेषज्ञ इंजिनियरिंग अमला है जो इसकी बराबर देखभाल करता है, नियमित देखरेख का रिकार्ड रखा जाता है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि हमने अपने दो कर्तव्यपरायण पायलटो को खोया है, सारा प्रदेश दुखी है। कांग्रेस इस दुखद घटना पर राजनीति नहीं करना चाहती। जब नेता प्रतिपक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री ने दुर्घटना के बारे में सवाल ही खड़ा किया है हम रमन और भाजपा को आईना दिखने को मजबूर है। भाजपा बतायें इस हेलीकाप्टर के खरीदी के समय से ही अनेक सवाल खड़ा हुये थे। आरोप तो यहां तक लगा था कि तत्कालीन रमन सरकार ने अनाधिकृत व्यक्ति से सेकंड हैंड हेलीकाप्टर खरीदा था। रमन सरकार ने इस हेलीकाप्टर को हांगकांग की एक मार्केटिंग कंपनी शार्प ओशन इंवेस्टमेंट लिमिटेड से खरीदा था। उस समय कंपनी के गठन की कुल अंश पूंजी 10,000 हांगकांग डॉलर थी जो भारतीय मुद्रा के अनुसार जिस समय हेलीकॉप्टर खरीदा उस समय कुल 50500 रू. था रमन सरकार ने मात्र पचास हजार पांच सौ रू. अंशपूंजी वाली कंपनी से 26 करोड़ 58 लाख 22 हजार रू. का हेलीकाप्टर खरीद लिया था। शार्प ओशन कंपनी का हेलीकाप्टर निर्माता कंपनी से सीधा कोई संबंध नहीं था। अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीदी मामले में सीएजी की 2011 में जो रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखी गयी थी उसमें कहा गया था कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हेलिकॉप्टर खरीदी में टेंडर प्रक्रिया तथा भंडारण नियम का पालन नहीं किया। एक ही कंपनी को और उस कंपनी के एजेंट (दलाल) को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया गया। जो हेलिकॉप्टर झारखण्ड में 55 लाख डॉलर में खरीदा गया, उसी हेलिकॉप्टर को छत्तीसगढ़ में 65 लाख डॉलर में खरीदा गया। इस खरीदी में लाखों डालर का लेनदेन हुआ है। बाद में सीएजी की रिपोर्ट को विधानसभा की लोक लेखा समिति ने भी जांच किया था।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर की खरीदी के समय उसके बाद भी सुरक्षा मानको पर सवाल खड़ा होते रहे है। जब रमन सिंह स्वयं मुख्यमंत्री थे तब इसी हेलीकाप्टर का ऑटो पायलट खराब हुआ था, जब बृजमोहन अगवाल 11 मई 2016 को इस पर सवार थे तब भी इसमें तकनीकी खराबी आई थी। मशीन में कभी भी खराबी आ सकती है, इस पर राजनीति कर भाजपा नेता सारी मर्यादाओं को तार-तार कर रहे है।