रायपुर। राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया निर्णय स्वागत योग्य है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस 2019 में ये कानून खत्म करना चाहती थी, कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इसका उल्लेख किया था। आज देश की सुप्रीम कोर्ट ने इस पर पाबंदी लगा कर साबित कर दिया कि हमारा रास्ता सही है। लोगों की आवाज उठती रहेगी, यही जन आंदोलन की परिपाटी है। केंद्र की मोदी सरकार हमेशा से ही राजद्रोह कानून का उपयोग अपने विरोधियों के दमन के लिए करती आ रही थी। मोदी सरकार के खिलाफ जब भी कोई मुखर होता था तो उसकी आवाज़ कुचलने के लिए राजद्रोह कानून का इस्तेमाल मोदी सरकार करती थी। मोदी सरकार के इस दमन का शिकार देश के कई पत्रकार, नेता और नागरिक हुए हैं। अगर वास्तविक तौर पर देखा जाए तो भाजपा पार्टी के अंदर के कई नेताओं पर राजद्रोह दर्ज होना चाहिए क्योंकि देश को तोड़ने, भेदभाव बढ़ाने और संवैधानिक मूल्यों को तहस-नहस करने का काम सबसे ज्यादा भाजपा के नेताओं ने ही किया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि सत्ता को आईना दिखाना राष्ट्रधर्म है, ये देशद्रोह नहीं हो सकता और देश की सुप्रीम कोर्ट ने आज इसी बारे स्पष्ट संदेश दिया है। वर्तमान में केंद्र की सत्ता के सिंहासन पर बैठे निरंकुश शासक, लोगों की आवाज कुचलने वाले निरंकुश राजा, जन विरोधी नीतियों की आलोचना पर जनता को जेल की सलाखों के पीछे डालने वाले शासक जान लें कि अब जनता उठ चुकी है। जनता की आवाज को ना कुचला जा सकता, ना उसका दम घोटा जा सकता, ना उसे दबाया जा सकता, क्योंकि राष्ट्र धर्म में सरकारों की आलोचना और शासकों को सच का आईना दिखाना विपक्ष का धर्म है।