मोदी सरकार से देश की अर्थव्यवस्था नहीं संभल रही- कांग्रेस

0 75 साल में रूपया सबसे निचले पैदान पर

0 मनमोहन सिंह को तंज कसने वाले मोदी अब भी मानेगे प्रधानमंत्री और रूपये के गिरने की होड़ लगी है

रायपुर। मोदी सरकार के कुप्रबंधन के कारण देश की अर्थव्यवस्था तबाही की ओर जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार के निकम्मेपन का बढ़ता स्तर भारतीय मुद्रा को इतिहास के सबसे निचले स्तर तक गिरा चुका है। मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था नहीं संभाल पा रही है। आजादी के बाद भारतीय रूपया अपने सबसे निचले पायदान पर है। आज अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रूपये की कीमत 77.50 हो गई है। 75 साल में रूपया इतना कभी नहीं गिरा। जब यूपीए सरकार में रूपया गिरा था तो पीएम मोदी इसको लेकर मखौल किया करते थे। मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर टिप्पणी करते हुये कहा था कि प्रधानमंत्री और रूपये में गिरने की होड़ लगी है। आज जब भारतीय रूपया अब तक के सबसे नीचे के पायदान पर है तब भी क्या मोदी अपने बयान पर कायम है? क्या आज भी रूपया और प्रधानमंत्री में नीचे गिरने की होड़ लगी हुई है? मोदी सरकार में भारतीय रूपये आईसीयू में चला गया है। अब यह भाजपा के मार्गदर्शक मंडल की उम्र को भी क्रॉस कर गया है। आखिर इसकी वजह क्या है? रूपया सबसे निचले स्तर पर आ गया है। मोदी सीएम होते तो सरकार पर निशाना साधते और देशद्रोही बता देते लेकिन पीएम मोदी चुप है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कोविड आने से पहले ही 2017 में नोटबंदी और जीएसटी के प्रभाव से देश में कैशफ्लो में 77 प्रतिशत तक कमी आ चुकी थी। उल्टी दिशा में तेजी से भाग रही अर्थव्यवस्था के लिये मोदी सरकार पूंजीवादी, मुनाफाखोरी और गलत आर्थिक नीतियां ही जिम्मेदार है। अपने चंद पूंजीपति मित्रों को मुनाफा पहुंचाने कोल, पेट्रोलियम, खाद्य तेल जैसे आवश्यक वस्तु का देश के भीतर उत्पादन कम करके आयातित महंगे उत्पादों को खपाने का कुत्सित प्रयास मोदी सरकार कर रही है और इसी कारण लगातार भारतीय रूपया टूट रहा है। सदियों से बांग्लादेश को निर्यात किए जाने वाला चावल भी अब बंद हो गया है। कॉटन यार्न का निर्यात भी तेजी से घटा है। मोदी राज में आयात दिनों-दिन बढ़ रहा है और निर्यात कम हो रहा है जिसके चलते वैश्विक व्यापार संतुलन बिगड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 2014 में जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब भारतीय मुद्रा 58 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर था। आज भारतीय मुद्रा 77.50 डॉलर के स्तर तक गिर चुका है। मोदी सरकार के 8 साल के शासनकाल में भारतीय मुद्रा लगभग 20 रुपये प्रति डॉलर गिर चुका है। भाजपा ने हमेशा से ही काँग्रेस द्वारा निर्मित देश के आधारभूत ढांचे को खोखला करने का काम किया है। भाजपा राज में एक तरफ मोदी सरकार के खरबपति मित्रों की आय बढ़ती जा रही है और दूसरी तरफ भारतीय अर्थव्यवस्था को ग्रहण लगते जा रहा है। उद्योगपतियों के उंगलियों पर बेशर्मी से नाच रही मोदी सरकार द्वारा निर्मित महंगाई जनता को लगातार नोच खा रही है।देश में हर रोज गरीबों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, हर रोज किसी न किसी उपक्रम पर ताला लग रहा है, प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार देने की बात करने वाली सरकार में हर रोज सैकड़ों लोग बेरोजगार हो रहे हैं। भारतीय मुद्रा दिन-ब-दिन कमजोर होता जा रहा है। अयोग्य और निकम्मी मोदी सरकार देश को गर्त की ओर ले जा रही है।

 

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