0 कामर्शियल सिलेंडर के दाम बढ़ाना एक बार फिर जनता पर महंगाई की मार
रायपुर। कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में 102 रू. की बढ़ोत्तरी को कांग्रेस ने जनता की जेब में डकैती डालने वाला बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार एक भी कदम जनता को राहत देने वाला नहीं है। सरकार जब भी निर्णय लेती है जनता को परेशानी में डालने के लिये ही निर्णय लेती है। पेट्रोल, डीजल, गैस, तेल, साबुन सभी वस्तुओं के दाम बढ़ते जा रहे है। मोदी सरकार टैक्स में कटौती करने के बजाय उसमें बढ़ोत्तरी ही कर रही है। एलपीजी गैस कमर्शियल गैस सिलेंडर पेट्रोल-डीजल महंगा है, इसलिए मालवाहक, ढोने वाली गाड़ियों के भाड़े महंगे है। हलवाई की दुकान हो, छोटा-मोटा दुकानदार हो, पकौड़े तलने वाला जो वो कमर्शियल सिलेंडर उसकी पहुंच से आज बाहर हो गया है। तेल महंगा, सिलेंडर महंगा, आज तो पकौड़े तलना भी महंगा हो गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आंकड़े देखें, तो पिछले 8 सालों में केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय उत्पाद के जरिए पेट्रोल और डीजल पर 27 लाख करोड़ रुपए कमाए हैं। वो राहत उपभोक्ता को उन्होंने नहीं दी और अगर आप केलकुलेट करेंगे, तो पेट्रोल और डीजल पर जो टैक्स लगते हैं, 68 प्रतिशत टैक्स, वो केंद्र के हिस्से में जाते हैं, 32 प्रतिशत राज्य के हिस्से में जाते हैं। यह भी आंकड़े सामने रखेंगे, तो प्रधानमंत्री को पहले हिसाब देना चाहिए। यूपीए के वक्त बाद से लेकर अब तक अनेकों बार उन्होंने जो वृद्धि की है, सेंट्रल एक्साइज में, उसी को अगर वो रोल बैक कर दें, तो पेट्रोल और डीजल बहुत सस्ता उपभोक्ताओं को मिलना शुरू हो जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र 27 लाख करोड़ अर्जित कर चुका हैं, सेंट्रल एक्साइज के माध्यम से, पेट्रोल और डीजल पर पिछले 8 सालों में। उसका हिसाब देना चाहिए था और जो उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी है, केन्द्र सरकार की, जीएसटी का हिस्सा राज्यों को सही समय पर दें, उसके लिए उन्हें माफी भी मांगनी चाहिए कि वो नहीं देते, परेशान करते हैं राज्यों को। जो आपने सेंट्रल एक्साइज पिछले 8 सालों में बढ़ाया है, उसको आप अगर रोल बैक करेंगे, तो आज ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी गिरावट आ जाएगी और उपभोक्ताओं को अच्छी राहत मिलेगी अगर आपकी नीयत में खोट नहीं है तो जनता को राहत देने के फैसले लें।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि करो की तुलना आपस में राज्यों की करने के स्थान पर तुलना केन्द्र की राज्यों से की जाए, तो केन्द्रीय उत्पाद दरें क्यों इतनी बढ़ी, उससे आपने कितना कमाया, उसका क्या लेखा-जोखा है, उसको आप रोल बैक क्यों नहीं कर रहे, यह उत्तर देने चाहिए। तुलना राज्यों की करने के स्थान पर तुलना केंद्र की राज्यों से होनी चाहिए। 68 प्रतिशत केंद्र कमाता हैं टैक्स से पेट्रोल और डीजल से, 32 प्रतिशत राज्य कमाते हैं। यह तुलना होनी चाहिए।