छत्तीसगढ़ के रहन-सहन, खान-पान, बोली-भाखा, तीज-तिहार से भाजपा को पीड़ा क्यों है – धनंजय सिंह

0 भाजपाई बोरे बासी खाये न खायें लेकिन छत्तीसगढ़ी खान-पान, रीति-रिवाज का विरोध न करे

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने पूछा कि भाजपा को छत्तीसगढ़ की संस्कृति से इतनी नफरत क्यों हैं? उन्होंने कहा कि भाजपा को छत्तीसगढ़ के रहन-सहन, खान-पान, बोली-भाखा, तीज-त्यौहार से पीड़ा क्यों होती है? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोरे बासी दिवस मनाने जा रहे है, ठेठरी, खुरमी, चीला, फरा सहित छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यजन को अलग पहचान दे रहे है। गेड़ी चढ़ते हैं, भंवरा चलाते हैं, रैचूली में झूलते हैं, नदी में डुबकी लगाते हैं, हरेली तिहार, गोवर्धन पूजा करते है, बैल दौड़ का आयोजन करते है, आदिवासी संस्कृति को देश दुनिया के सामने रख रहे है। छत्तीसगढ़ी तीज त्यौहार परंपरा का निर्वहन करते हैं तो भाजपा उपहास क्यों उड़ाती है? 15 साल के भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, परंपरा, तीज, त्यौहार को कुचलने का काम किया गया था जिस उद्देश्य से हमारे पुरखों ने छत्तीसगढ़ राज्य की कल्पना की थी उसमें छत्तीसगढ़ के संस्कृति और परंपरा रहन-सहन खान-पान को भी विश्व स्तर पर एक नई पहचान देना था जो 15 साल के भाजपा शासनकाल में एक प्रकार से नदाने (विलुप्त) की स्थिति में था।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार 1 मई श्रम दिवस के अवसर पर पूरे प्रदेश में बोरे बासी दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन छत्तीसगढ़ की सुबह का प्रिय भोज बासी खाकर श्रम दिवस में श्रमिकों का सम्मान करें, मेहनत कर किसानों का सम्मान करने की अपील किये है तो भाजपा नेताओं के पेट क्यों मरोड़ रहा है? भाजपा के नेता अगर बोरे बासी खाते हैं तो उन्हें भी छत्तीसगढ़ के व्यंजन बोरे बासी खाकर श्रमिकों का सम्मान करना चाहिए और भाजपा से जुड़े लोग नहीं खाना चाहते यह उनके विवेक पर निर्भर करता है लेकिन भाजपा को छत्तीसगढ़ के खान-पान, रहन-सहन, परंपरा तीज त्यौहार का विरोध नहीं करना चाहिए। भाजपा से जुड़े हुए लोग संघी संस्कृति का हिस्सा बनकर अपने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को भूलने की कोशिश कर रहे हैं। अपनी परंपराओं तीज तिहार के प्रति अपने कर्तव्यों को भूल गए है।

 

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