0 मोदी सरकार कोयला का कृत्रिम संकट उत्पन्न कर कोयला और बिजली दोनों के दामों को बढ़ाने की साजिश कर रही
0 मोदी के मित्र है कोयला के बड़े सप्लायर अब दाम बढ़ाने की रच रहे है साजिश
रायपुर। देश में छाई कोयला संकट के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार की अकर्मण्यता और स्पष्ट कोयला नीति नही बना पाने के कारण अभूतपूर्व कोयले संकट के दौर से गुजर रहा है। कोयले की कमी से बिजली के दाम भी बढ़ना तय है। पहले से महंगाई से पीड़ित जनता के ऊपर और कुठाराघात करने की तैयारी कर रही है ऐसा कोई कारण नहीं है जिसके चलते देश में कोयला का कमी हो विश्व के कोयला उत्पादक देशों की श्रेणी में भारत पांचवें नंबर पर है जिसके पास लगभग 319 अरब टन कोयला का भंडार है । उसके बावजूद देश के भीतर कोयला का संकट उत्पन्न होना मोदी प्रायोजित संकट है कोयला सप्लाई करने एवं खनन का मुख्य काम मोदी के मित्रों के पास में है। देश के बाहर से आने वाले कोयले के सप्लायर भी मोदी के मित्र ही हैं। कोयला संकट कोल खदानों के निजीकरण करने का षडयंत्र भी हो सकता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के पहले दिन से लेकर आज तक जनता अपने मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही है मोदी सरकार के मनमानी और नाकामी के चलते देश गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है आम लोगों को रोजी रोजगार की समस्या से जूझना पड़ रहे हैं केंद्र में बैठी सरकार के टैक्स नीति के चलते पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे जूता चप्पल दवाइयां स्टेशनरी पेन पेंसिल लेकर कृषि यंत्र सहित प्रत्येक के दामों में बीते 8 साल में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है अब कोयला का कृत्रिम संकट उत्पन्न कर बिजली उत्पादन कंपनियों के उत्पादन को ध्वस्त करने में लगी हुई है साथ ही कोयला से चलने वाले उद्योग भी अब बंद होने के कगार में है कोयला के और डीजल के दाम में हुई वृद्धि से स्टील सीमेंट खाद्य सामग्री मोटर पार्ट्स ऑयल ग्रीस सहित सभी सामानों के दाम में वृद्धि हो रही है जिसका सीधा सीधा खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए हमेशा की तरह इस बार यूक्रेन और रूस के युद्ध को जिम्मेदार ठहरा कर देश में बढ़ती महंगाई को सही कराने में लगे हुए हैं देश की जनता समझदार है और मोदी सरकार के मुनाफाखोरी को बारीक नजरों से देख रही है।