कांग्रेस सरकार में युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के द्वार खुले – मोहन मरकाम

0 भाजपा और अजय चंद्राकर भ्रम और झूठ की राजनीति कर रहे

0 कांग्रेस ने जारी किया रोजगार का ब्यौरा

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम कांग्रेस सरकार के तीन सालों के दौरान नौकरी एवं रोजगार के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पूर्व मंत्री और भाजपा झूठ की खेती कर रहे है ।राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद लगातर सभी विभागों में भर्तियां निकली है ।भाजपा और चंद्राकर इन आंकड़ों को पढ़ ले उनकी जानकारी दुरुस्त हो जाएगी।
– छत्तीसगढ़ सरकार ने 14 हजार 580 पदों पर स्थायी शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था।
– यह बात दस्तावेजों में है। इससे कोई इंकार नहीं कर सकता।
– छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद इतने बड़े पैमाने में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति का काम भूपेश बघेल की सरकार ने ही किया है। भाजपा ने इस बारे में सोचा भी नहीं था। जहां तक विज्ञापित पदों के विरूद्ध हुई वास्तविक भर्ती का सवाल है तो राज्य सरकार ने यह कभी नहीं कहा कि वो अपने वादे से पीछे हट रही है।
– लगभग 8 हजार पदों पर भर्ती हो चुकी है।
– चयन सूची की वैधता तीसरी बार बढ़ा दी गई है।
– अदालती रोक तथा पांचवी अनुसूची के कारण जो विषय सामने आए थे, उन सबका समाधान किया जा रहा है।
– इस तरह निश्चित तौर पर 14 हजार 580 शिक्षकों के पदों पर भर्ती का लक्ष्य पूरा किया जाएगा।
– कॉलेजों में स्थाई प्राध्यापक, खेल शिक्षक, ग्रंथपाल आदि की भर्ती भी राज्य गठन के बाद पहली बार की गई।
– जिस पुस्तक के हवाले से आंकड़े गिनाए गए हैं, उसे भी तोड़- मरोेड़कर पेशकर करना भी भाजपा की गलत मंशा को जाहिर करता है कि 6 माह पुराने आंकड़े आज गिनाए जा रहे हैं तो उसका अपडेशन भी देख लेना चाहिए। बहुत सारे आकड़े अब बढ़ गए हैं।
– आंकड़ों का संकलन और पुष्टि करना एक निरंतर प्रक्रिया होती है।
– पीएससी का आंकड़ा उस समय मात्र 2 हजार 885 छपा था, जो अब बढ़कर 6 हजार अधिक हो गया है।
– व्यापम का उपलब्ध आंकड़ा उस समय मात्र 1 हजार 46 था, जो अब बढ़कर 8 हजार 662 है।
– नई उद्योग नीति के कारण उद्योगों में हुई भर्ती की संख्या 30 हजार बताई गई थी, जो अब बढ़कर 35 हजार 754 हो गई है।
– भाजपा शासन की तुलना में पीएससी और व्यापम से हर वर्ष औसतन दोगुनी नौकरियां वर्तमान सरकार के कार्यकाल में दी गई हैं।
– आदिवासी अंचलों के लिए विशेष कनिष्ठ सेवा चयन बोर्ड का गठन कर नौकरियां दी जा रही हैं।
– कर्मचारी भविष्य निधि संगठन क्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत तीन वर्षों में दर्ज नए खातादारी सदस्यों की संख्या 4 लाख 80 हजार 576 है, जो सरकारी विभागों में हुई लगभग 29 हजार पदों पर हुई भर्तियों के अतिरिक्त है।
– शासकीय विभागों में तीन वर्षों में लगभग 40 हजार नए पद सृजित किए गए हैं।
– इसके अलावा सरकार के विभिन्न निगम, मंडल, आयोग, संस्थाओं में, जिला स्तर पर विभिन्न स्तरों पर की जाने वाली नियुक्तियों को भी गिनाना चाहिए।
– ऐसे बहुत सी भर्ती होती है, जिसमें स्थायी नौकरी नहीं होती लेकिन शासन के किसी मद /अनुदान/मदद से राशि वेतन या मानदेय के रूप में भुगतान की जाती है।
– जब राज्य शासन की नीति रोजगार के अवसर बढ़ाने की होती है तभी इस तरह से बड़े पैमाने पर विभिन्न माध्यमों से स्थायी अथवा अस्थायी तौर पर नौकरियों के अवसर उपलब्ध होते हैं।
पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार द्वारा नौकरी देने के प्रयासों की सफलता को भाजपा पचा नहीं पा रही है। इसलिए भाजपा लगातार अभियान छेड़कर ऊल जलूल बयानबाजी कर रही है।
– पुराने आंकड़ों को पकड़कर, उनमें छेड़कानी करके भाजपा कुछ साबित नहीं कर पाएगी।
– सेंटर फार मॉनीटरिंग इंडियन इकॉनोमी (सीएमआईई) द्वारा जो ताजा आंकड़े जारी किए गए हैं, उसके अनुसार छत्तीसगढ़ में बेरोजगार की दर 0.6 प्रतिशत है। यह आंकड़ा देश में सर्वाधिक कम है अर्थात छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर देश में सबसे कम हो गई है। इसे गौरव का विषय मानने के बजाय भाजपा स्यापा कर रही है। यह भाजपा की छत्तीसगढ़िया विरोधी सोच का प्रतीक है।
– यह भी देखना चाहिए कि जब छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर
0.6 प्रतिशत के न्यूतनत स्तर पर है, तब देश की बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत है।
– सीएमआईई का आंकड़ा केन्द्र तथा विभिन्न राज्यों की सरकारें अपनी योजना बनाने के लिए इस्तेमाल करती हैं। इसलिए इन्हें विश्वसनीय माना जाता है। किसी भी सरकार ने आज तक इन आंकड़ों को गलत नहीं ठहराया है। कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में रोजगार और नौकरियों के आंकड़ों पर सवाल उठाने वाले अजय चंद्राकर को इस बात की तकलीफ है कि आखिर छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरे देश में सबसे कम कैसे हो गई ?

हमारा सवाल है कि क्या यह आंकड़े गलत हैं ? अगर यह आंकड़े सही है तो छत्तीसगढ़ में रोजगार के आंकड़े कैसे गलत हो सकते हैं।
– भाजपा नेता आखिर यह याद क्यों नहीं करना चाहते कि छत्तीसगढ़ में जब भाजपा सरकार का आखरी साल चल रहा था, तब राज्य में बेरोजगारी दर अपने अधिकतम स्तर 22.2 प्रतिशत थी। श्री भूपेश बघेल की सरकार आने के बाद बेरोजगारी दर कम होते-होते अब 0.6 प्रतिशत पर है।
– खैर, अजय चंद्राकर जी आप अपने कार्यकाल को आप भूल गए हैं, और आपकी केन्द्र सरकार के हर साल दो करोड़ रोजगार देने के वादे को भूल गए हैं, तभी बार-बार आप रोजगार के आंकड़ों पर सवाल उठाते हैं।
– फिर भी हम बताना चाहते हैं कि अगर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार जो काम कर रही है, उससे रोजगार के अवसर कैसे बढ़े यह समझना है तो आपको सिर्फ शहरों ही नहीं बल्कि गांवों और जंगलों में जाकर देखना पड़ेगा।
– आपने नौकरियों की बात की सुनिए कि नौकरियां सिर्फ राजधानी या बड़े शहरों में ही नहीं दी गई बल्कि विकासखण्डों और पंचायत स्तर तक पहुंची हैं।
– हमने जनता से जुड़े बड़े विभागों जैसे-शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य, पुलिस, राजस्व, सिंचाई, खाद्य हर विभाग में जितने हो सकते थे उतने पद निकाले और जिस तरह से संभव हुआ उस तरह से भर्ती की।
– अनुकम्पा नियुक्ति के लिए तो हमने नियमों को भी शिथिल किया और 3 हजार 300 से अधिक लोगों को स्थाई नौकरी देने का इंतजाम किया।
– आपने यह नहीं बताया कि जनमन में आंकड़ा 3 हजार 155 ही छप पाया था। क्योंकि उस समय पूरे आंकड़े नहीं थे।
– हम यह नहीं कहते है कि रोजगार के लिए सिर्फ सरकारी नौकरियां ही काफी हैं। इसलिए हमने सभी विभागों के कामकाज और जमीनी अवसरों को रोजगार से जोड़ दिया है।
– बिहान तथा महिला स्वसहायता समूहों के 22 लाख से अधिक सदस्य, नरवा-गरूवा-घुरूवा-बारी, सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, 7 से बढ़ाकर 65 लघुवनोपजों की खरीदी, वन अधिकार पट्टे से खेती और अन्य रोजगार के अवसर। इन सब को भी देखना पड़ेगा।
– धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 24 लाख हो गई है।
– 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक।
– 14 लाख लोगों को वन के विभिन्न कामों से रोजगार।
– 26 लाख लोगों को मनरेगा में काम मिला था।
– 19 लाख लोगों को इंदिरा वन मितान योजना से लाभ।
– गोधन न्याय योजना में ही 1 लाख से अधिक लोगों को रोजगार।
– किसानों की जेब में 91 हजार करोड़ रूपए डालने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तीकरण और उससे शहरों में भी लाभ।
– नौकरी और रोजगार के आंकड़ों को लेकर गड्ड-मड्ड करना भी उचित नहीं है।
– मूल बात यह है कि प्रदेश के युवाओं को स्वावलंबी कैसे बनाया जाए और इस हिसाब से देखें तो 2-4 लाख के आंकड़ों को लेकर ही सिर धुनते रहने का कोई मतलब नहीं है।
– राज्य सरकार की नीतियों से कितने लोगों को नौकरी, रोजगार, स्वरोजगार के अवसर मिले। इसके आंकड़े संकलित करें तो
1 करोड़ के आसपास पहुंच जाएंगे।
– देश में न्यूनतम बेरोजगारी दर वाले राज्य को यह कहने का हक भी है।
– भाजपाई किस मुंह से रोजगार के आंकड़े पूछ रहे हैं- कांग्रेस ने आजादी से लेकर जिस तरह देश की एक-एक संस्था को खड़ा किया, सार्वजनिक उपक्रमों को फायदे में लाया। रेल से लेकर सेल तक, सड़क से लेकर हवाई परिवहन तक, हरित क्रांति से लेकर सूचना क्रांति तक, हर क्षेत्र में भारत को शिखर तक पहुंचाने का काम कांग्रेस ने किया था और आपकी पार्टी की मोदी सरकार इन सारी चीजों को बेच रही है।

15 साल छत्तीसगढ़ में राज करते समय आपको कभी नहीं सूझा कि युवाओं को सरकारी नौकरी, बेहतर आमदनी, किसानों को स्वावलंबन, महिलाओं को स्वाभिमान कैसे दिया जाता है। तब तो आप पंचायत के पैसे से मोबाइल टावर लगा रहे थे, और डीएमएफ के पैसे से स्वीमिंग पूल बनवा रहे थे।
– हम बताना चाहते हैं कि श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हमारी कांग्रेस सरकार ने सरकार का खजाना नौकरी, रोजगार, स्वरोजगार, स्वालंबन, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान के लिए खोला है। यही वजह है कि हमारे युवाओं को नए-नए अवसर मिल रहे हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *