0 योजना के तहत हाट-बाजारों में लगने वाले स्वास्थ्य शिविरों में 8 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही मलेरिया, डेंगू, एचआईव्ही, मधुमेह, एनीमिया, टीबी, कुष्ठ, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांच
रायपुर। राज्य शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के माध्यम से अब तक गांवों व दूरस्थ अंचलों के 25 लाख से अधिक लोगों का निःशुल्क इलाज किया गया है। योजना के तहत हाट-बाजारों में लगने वाले स्वास्थ्य शिविरों में ओ.पी.डी. आधारित आठ प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही मलेरिया, डेंगू, एचआईव्ही, मधुमेह, एनीमिया, टीबी, कुष्ठ, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांच की जाती है। इन शिविरों में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की भी जांच की जाती है। जांच के बाद व्याधिग्रस्त पाए गए लोगों को निःशुल्क दवाईयां भी दी जाती हैं। आवश्यकता होने पर उच्च स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों में रिफर कर इलाज कराया जाता है।
मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत प्रदेश भर में 397 डेडिकेटेड ब्राडिंग वाहन तथा चिकित्सा दलों के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में उपचार मुहैया कराया जा रहा है। वनांचलों और दूरस्थ क्षेत्रों के हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीमों द्वारा अब तक 25 लाख तीन हजार 046 लोगों को इलाज उपलब्ध कराया गया है। हाट-बाजारों की क्लिनिक में पहुंचे 22 लाख 81 हजार 354 मरीजों की जांच कर निःशुल्क दवाईयां दी गई हैं। प्रदेश के 1636 हाट-बाजारों में 71 हजार 640 हाट-बाजार क्लिनिक के माध्यम से लोगों को ये सुविधाएं प्रदान की गई हैं।
हाट-बाज़ारों की क्लिनिक में जरूरतमंदों को निःशुल्क उपचार, चिकित्सीय परामर्श और दवाईयां उपलब्ध कराने के साथ ही मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा मलेरिया, एचआईव्ही, वी.डी.आर.एल., मधुमेह, एनीमिया, टीबी, कुष्ठ रोग, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांच की जाती है। इन क्लिनिकों में गर्भवती महिलाओं की जांच व शिशुओं का टीकाकरण भी किया जाता है। वर्ष 2019 से शुरू मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत अब तक पांच लाख 41 हजार 982 लोगों के उच्च रक्तचाप, चार लाख 20 हजार 879 लोगों की मधुमेह, दो लाख 43 हजार 483 लोगों की मलेरिया जांच, एक लाख 14 हजार 817 लोगों की रक्त-अल्पता (एनीमिया) और 79 हजार 720 लोगों में नेत्र विकारों की जांच की गई है। इन क्लिनिकों में 22 हजार 424 लोगों की टीबी, सात हजार 017 लोगों की कुष्ठ और 15 हजार 047 लोगों की एचआईव्ही जांच भी की गई है। इस दौरान 43 हजार 535 गर्भवती महिलाओं की भी जांच गई है। हाट-बाजारों में आयोजित क्लिनिकों में 59 हजार 491 डायरिया पीड़ितों का भी उपचार किया गया है।