0 महोत्सव में बॉलीवुड सिंगर ऐश्वर्या पंडित, अनुष्का बनर्जी, नचिकेत लेले, निहाल तारों के साथ छत्तीसगढ़ और भारतीय कला संस्कृति की दिखेगी झलक
0 नई परम्परा की शुरूआत-कबीरधाम जिले के प्रमुख मंदिरों के पुजारियों की विशेष उपस्थिति में होगा भोरमदेव महोत्सव का शुभारंभ
कवर्धा। छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक,पुरात्तविक, धार्मिक,पर्यटन और जन आस्था का केन्द्र के नाम से आयोजन होने वाले भोरमदेव महोत्सव की तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है। भोरमदेव महोत्सव का आयोजन 30 एवं 31 मार्च दो दिन का होगा। इस दो दिवसीय महोत्सव के मंच में छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति की छंटा देखेंगी साथ ही साथ बॉलीवुड के उभरते सिंगर भी अपनी कला की शानदार प्रस्तुति देंगे। भोरमदेव महोत्सव के पहले दिन 30 मार्च को बॉलीवुड सिंगर,सारेगामा ऐश्वर्या पण्डित, और छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध गायक श्री दिलीप षंडगी मुख्य आकर्षक के केन्द्र होंगे। वही दूसरे दिन 31 मार्च को समापन आयोजन में इंडियन आईडल सेलीब्रीटी बॉलीवुड सिंगर फेम अनुष्का बनर्जी, नचिकेत लेले, निहाल तारों एवं उनकी पूरी टीम की सुपर-हिट गीत संगीत की महफिल से महोत्सव का मंच सजेंगा। इन कलाकारों के अलावा छत्तीसढ़ और भारतीय संस्कृति की अलग-अलग विधाओं की झलक भी देखने को मिलेगी। साथ ही मंच में बालीवुड के डान्स ग्रुप की प्रस्तुति भी होती रहेगी। भोरमदेव महोत्सव में इस बार से एक नई परम्परा की शुरूआत होने जा रही है। कबीरधाम जिले के प्रमुख मंदिरों के पुजारियों की विशेष उपस्थिति में भोरमदेव महोत्सव का शुभारंभ होगा। भोरमदेव महोत्सव समिति के आमंत्रण तथा प्रस्ताव को जिले के प्रमुख मंदिरों के पुजारियों ने स्वीकार कर लिया है। समिति द्वारा दो दिवसीय महोत्सव में प्रथम एवं द्वितीय दिन के लिए मंदिर के पुजारियों को विशेष अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए प्रस्ताव एवं आमंत्रण भेजा गया था।
कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा आयोजन की तैयारियों के लिए अपनी पूरी प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ जुटे हुए है। भोरमदेव महोत्सव के दो दिनों तक होने वाले मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की तैयारियों के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इन दो दिनो में मंदिर में शिव जी की विशेष श्रृंगार, भस्म आरती और रूद्राभिषेक होगे। प्राचीन सरोवर में दीप दान भी होंगे।
भोरमदेव महोत्सव के पहले दिन कबीरधाम जिले के स्कूली बच्चों के सामुहिक नृत्य के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ होगा। मंच में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों की मीनट-टू मीनट कार्यक्रम निर्धारित कर ली गई है। इसके बाद रायपुर के सुप्रसिद्ध पियानों वादक श्री मोहम्मद आयान अपनी प्रस्तुति देंगे। भोपाल की श्रीमती अनुराधा सिंह भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करती हुए कत्थक नृत्य की प्रस्तुति देगी। बोडला के रजउ साहू अपनी गुरतुर बोली कवंई के छत्तीसगढ़ की लोकगीत एवं नृत्य की प्रस्तुति देंगे। मंचीय कार्यक्रम के बाद बीच-बीच में लेजर लाईट शो की और बॉलीवुड के डांस गु्रप भी अपनी प्रस्तुति देते रहेंगे। रात 8 से 11 बजे बॉलीवुड सिंगर ऐश्वर्या पण्डित बॉलीवुड की सुपर हिट गीतों की प्रस्तुति देकर मंच का शंमा बांधेगी। इसके बाद छत्तीसढ़ की प्रसिद्ध जगराता एवं लोकगीतों के गायन की प्रस्तुति देते हुए दिलीप षडंगी आयोजन को आगे बढ़ाएंगे।
भोरमदेव महोत्सव के दूसरे दिन स्कूली बच्चों के आयोजन के साथ सांस्कृतिक कार्याक्रमों का शुभारंभ होगा। छत्तीसगढ़ रायपुर के भजन गायक श्री प्रदीप चौबे द्वारा शिव भजन की प्रस्तुति दी जाएगी। छत्तीसगढ़ और ओडिसा से आए डॉ गजेन्द्र पंडया एवं आर्या नंदे द्वारा ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति देते हुए भारतीय संस्कृति की झलक दिखाएंगे। गुरूदास मानिकपुरी छत्तीसगढ़ लोकगीत की प्रस्तुति देते हुए कार्यक्रम को आगे बढाएंगे। बिलासुपर की अनिल गढेंवाल की टीम द्वारा छत्तीसगढ़ की गेड़ी नृत्य की प्रस्तुति देते हुए राज्य की सांस्कृति विरासत की झलक प्रस्तुत करेगे। छत्तीसगढ़ के हास्य कार्यक्रमों के लिए मशहुर कौशल साहू और उनकी टीम महोत्सव के बीच बीच में अपनी प्रस्तुति देते हुए महोत्सव में आए दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। इसके बाद इंडियन आईडल सेलीब्रीटी बॉलीवुड सिंगर फेम अनुष्का बनर्जी, नचिकेत लेले, निहाल तारों एवं उनकी पूरी टीम की सुपर-हिट गीत संगीत से महोत्सव का मंच सजेगा। साथ ही हमर पारा तुहर पारा फेम अनिल मानिकपुरी और उनकी टीम कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते हुए महोत्सव के समापन बेला तक पहुंचाएगे।
भोरमदेव महोत्सव में नई परम्परा की शुरूआत, जिले के प्रमुख मंदिरों के पुजारियों ने आमंत्रण स्वीकार किया, विशेष अतिथियों के रूप में महोत्सव में होंगे शामिल
भोरमदेव महोत्सव में नई परम्परा की शुरूआत होने जा रही है। जिले के प्रमुख मंदिरों के पुजारियों ने भोरमदेव महोत्सव समिति के आमंत्रण तथा प्रस्ताव को स्वीकार किया है। महोत्सव समिति द्वारा इस दो दिवसीय महोत्सव में प्रथम एवं द्वितीय दिन के लिए मंदिर के पुजारियों को विशेष अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए प्रस्ताव एवं आमंत्रण भेजा गया था। पुजारियों के सहमति के आधार पर प्रथम एवं द्वितीय दिन के लिए जिले के अलग-अलग मंदिरों के पुजारियों को विशेष अतिथि बनाया गया है। प्रथम दिन 30 मार्च को भोरमदेव महोत्सव में विशेष अतिथि के रूप में मां विन्ध्यवासिनी मंदिर के पुजारी श्री जीवन शर्मा, बुढ़ा महादेव मंदिर के पुजारी श्री मनहरण दुबे, मां दन्तेश्वरी मंदिर के पुजारी श्री अजय राजपूत, मां चण्डी मंदिर के पुजारी श्री तिहारी चन्द्रवंशी, श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर के पुजारी श्री चन्द्रकिरण तिवारी, मां शीतला मंदिर सहसपुर लोहारा के पुजारी श्री बीएन शुक्ला होंगे।
भोरमेदव महोत्सव के द्वितीय दिन समापन समारोह के विशेष अतिथि के रूप में मां महामाया मंदिर के पुजारी अमित दुबे, मां सिंहवासनी मंदिर कवर्धा के पुजारी श्री शंकर पाण्डेय, श्री राम मंदिर बोडला के पुजारी श्री हरि पाठक, मां महामाया मंदिर पंडरिया के पुजारी श्री प्रयास पाठक, मां परमेश्वरी मंदिर के पुजारी श्री प्रहलाद देवांगन, श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर के पुजारी श्री चन्द्रकिरण तिवारी और मां चण्डी मंदिर के पुजारी श्री आनंद मिश्रा शामिल होगे।
भोरमदेव महोत्सव में मंदिर में विशेष पुजा-अनुष्ठान, श्रृंगार और भस्म आरती
भोरमदेव मंदिर के प्रधान पुजारी श्री अशीष शास्त्री ने बताया कि भोरमेदव मंदिर में प्रत्येक वर्ष होती के बाद तेरस और चौदस को बाबा भोरमदेव शिव जी के लिए विशेष दिन रहता है। प्राचीन काल से इन तिथियों के दिन मंदिर में विशेष अनुष्ठान और दिव्य श्रृंगार सहित अनेक धार्मिक अनुष्ठान होते है। यहां प्राचीन काल से मंदिर के समीप स्थानीय मेला का आयोजन भी होते आया है, जो समय के साथ-साथ स्थानीय मेला अब महोत्सव का स्वरूप ले लिया है। इन दो दिनो में मंदिर में बाबा भोरमदेव शिव जी का विशेष विशेष अनुष्ठान और दिव्य श्रृंगार सहित अनेक धार्मिक अनुष्ठान होते है। प्रात काल बाबा भोरमदेव का महाअभिषेक, एक हजार नामों से सहर्षाचन,रूद्राभिषेक, विशेष श्रृंगार आरती होती है। दूसरे पहर शायम काल में सहत्रधारा से महाभिषेक,श्रृंगार महाआरती-भस्म आरती, शिव सरोवर के सामने भगवान वरूण देव का पूजन, दीपदान गंगाआरती की जाती है। इस उत्सव में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालुओं को आगमन होता है। कोई पर्यटक के रूप में शामिल होते है तो कोई श्रद्धालु के रूप में।