कोमल को मिली खैरागढ़ में कमल खिलाने की जिम्मेदारी

 

0 उपचुनावी खेल में उतरे जंघेल

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के लिए कोमल जंघेल के नाम को स्वीकृति दी है। श्री जंघेल 2018 के चुनाव में काफी कम अंतर से पराजित हुए थे। उस चुनाव के विजेता देवव्रत सिंह के निधन के कारण हो रहे उपचुनाव में भाजपा ने खैरागढ़ में कमल खिलाने की जिम्मेदारी कोमल जंघेल को सौंप दी है। अब भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल का मुकाबला कांग्रेस की यशोदा वर्मा से होगा। प्रत्याशी की घोषणा करने के मामले में कांग्रेस ने पहल की। उसके अगले रोज ही भाजपा ने भी अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। भाजपा इसी इंतजार में थी कि कांग्रेस अपना उम्मीदवार घोषित करे और फिर बिना देर किए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया जाय। वैसे पहले से ही यह तय समझा जा रहा था कि उपचुनाव में कोमल जंघेल ही भाजपा के ध्वजवाहक होंगे। उन्होंने अपने स्तर पर उपचुनाव की मैदानी तैयारी पहले ही शुरू कर दी थी। इस उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। डॉ. रमन खैरागढ़ के जिला मुख्यालय राजनांदगांव से विधायक हैं। कांग्रेस की ओर से भूपेश बघेल मंत्रिमंडल के दो सदस्यों रविन्द्र चौबे और कवासी लखमा को खैरागढ़ उपचुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है तो भाजपा भी अपने चुनावी प्रबंधन में दिग्गजों को लगाने में पीछे नहीं रहेगी। खैरागढ़ उपचुनाव छत्तीसगढ़ की राजनीति में विशेष महत्व का चुनाव माना जा रहा है। इसमें कांग्रेस भूपेश बघेल सरकार की अब तक की उपलब्धियों के आधार पर मैदान में है तो भाजपा को अपने प्रत्याशी और संगठन की ताकत पर भरोसा है।

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