0 पन्द्रह सालों तक क्रूर और अत्याचारी सरकार चलाने के लिए रमन सिंह प्रदेश की जनता से माफी मांगे
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि विभिन्न मामलों में बनी न्यायायिक जांच आयोग की रिपोर्टों से स्पष्ट हो रहा कि रमन सरकार के दौरान पन्द्रह सालों में छत्तीसगढ़ में निर्दोषों का अनेको बार क्रूर नरसंहार किया गया। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने तत्कालीन रमन सरकार पर जो-जो आरोप लगाए थे एक-एक करके वे सभी प्रमाणित होते जा रहे हैं। तथ्यों से प्रमाणित है कि वादाखिलाफी और प्रशासनिक आतंकवाद रमन सरकार का मूल चरित्र था। मदनवाड़ा, सारकेगुड़ा, एडसमेटा, पेद्दागेलुर जैसे फर्जी मुठभेड़, ताड़मेटला में सैकड़ों आदिवासियों के घर जलाने की घटना, सोनकु और बिजलु जैसे मिडिल स्कूल के बच्चों को मारकर नक्सली बता देना, मीना खलखो और मडकम हिडमे जैसी जघन्य बलात्कार और हत्या के मामले पर विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने पूरी ताकत से उठाया, और अब जब एक-एक करके जांच कमेटियों और न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट सामने आ रही है तो वे सारे आरोप जो तत्कालीन रमन सरकार पर कांग्रेस ने लगाए थे, लगातार प्रमाणित हो रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि रमन सरकार के दौरान बस्तर के 644 गांव के लगभग 3 लाख से अधिक आदिवासियों को अपना घर और अपना गांव छोड़कर पलायन करने मजबूर किया गया। जल, जंगल, जमीन के अधिकारों से बेदखल किया गया। बिना उद्योग लगाए ही लोहांडीडा में 4200 एकड़ जमीनें छीनी गई थी, जो भूपेश सरकार ने वापस किए, नक्सलवाद का डर दिखाकर हजारों स्कूल बंद कर दिए गए थे जो वर्तमान सरकार ने पुनः शुरू किया, जगरगुंडा बासागुड़ा राजमार्ग दशकों से बंद था जिसे भूपेश सरकार ने शुरू किया। विकास, विश्वास और सुरक्षा से स्थानीय जनता का विश्वास जीता जा रहा है। सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक तीनों क्षेत्रों में बस्तर के स्थानीय जनता की सहभागिता सुनिश्चित हुई है। एडसमेटा मुठभेड़ की न्यायिक जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया है कि मारे गए तीन नबालिकों सहित सभी नौ लोग स्थानीय निर्दोष आदिवासी थे।
मदनवाड़ा की रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ कि घटना में जिस अधिकारी की लापरवाही से एसपी सहित जवानों की शहादत हुई उस अधिकारी मुकेश गुप्ता को रमन सरकार ने सिर पर बैठा रखा था। तत्कालीन रमन सरकार के दौरान बस्तर में दर्जनों बार निर्दोष आदिवासियों ग्रामीणों को नक्सली बता कर मार दिया गया । इन फर्जी मुठभेड़ों में मारे गए ग्रामीणों को भाजपा ने उस समय नक्सली साबित करने पूरी ताकत लगा दिया था। न्यायायिक आयोगों की रिपोर्ट के बाद मृतकों को नक्सली बताने वाले भाजपा नेताओं को छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह में नैतिकता बची हो तो पन्द्रह साल तक प्रदेश में क्रूर और अत्याचारी सरकार चलाने के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगे।