रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विकासखण्डों में ग्रीष्म कालीन अवकाश के अवधि में कटौती के आधार पर गुणवत्ता सुधार के लिए विशेष कार्यक्रम क्रियान्वयन हेतु जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालन नरेन्द्र दुग्गा ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में ग्रीष्म कालीन अवकाश में कटौतीकर बच्चों की पढ़ाई हो रही क्षति में कमी लाने के उद्देश्य से प्रत्येक विकासखण्ड में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के सक्रिय निर्देशन में विकासखण्ड को कार्यक्रम इकाई मानते हुए कार्यक्रम का क्रियान्वयन करने के लिए कुशल नेतृत्व प्रदान करें।
जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए पांच मुद्दों-हितग्राहियों का निरंतर क्षमता विकास, शालाओं में नियमित उपयोग लाये जाने हेतु सीखने-सिखाने की सामग्री, कक्षा में उपयोग में लाए जाने हेतु सीखने-सिखाने की प्रभावी नवाचारी तकनीक, निरंतर अकादमिक समर्थन सह-मेंटरिंग, समस्या समाधान एवं प्रोत्साहन तकनीक और कार्यक्रम के निरंतर मॉनिटरिंग एवं आकलन प्रक्रिया पर जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर विशेष कार्यदल का गठन कर सभी विकासखण्डों को इस अभियान को तत्काल लागू करें। कार्यक्रम की प्रभाविता का आकलन आगामी सत्र की शुरूआत में बाह्य एजेंसी के माध्यम से किया जाएगा। कार्यक्रम की सफलता के लिए विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पूर्णतः जिम्मेदार एवं जवाबदेह होंगे।
कार्य दल के लिए विचारार्थ विषय के लिए सभी कार्य दलों की बैठक 20 मार्च तक अनिवार्यतः आयोजित कर प्रत्येक स्कूल में कार्यक्रम पूरी गंभीरता के साथ आयोजित किए जाएं। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार के लिए विशेष कार्यक्रम के अंतर्गत 5 कार्यदल के गठन का आदेश एवं बैठकों की तिथियों का निर्धारण किया जाए। जिला, विकासखण्ड एवं संकुलों में सभी हितग्राहियों के साथ बेवीनार एवं परिचर्चाओं का आयोजन कर रणनीतियों का निर्धारण कर लिया जाए। पांचों कार्य दल द्वारा तैयार रणनीति सह-कार्ययोजना को सभी के साथ साझा कर उन्हें लागू किया जाए। स्कूलों में टेलीप्रेक्टीज एवं निक्लर एप्प के उपयोग के लिए आवश्यक संसाधन एवं दिशा-निर्देश दिए जाएं। अभियान में बच्चों के सीखने के अवसर देने के लिए आवश्यक सामग्री, अभ्यास पुस्तिका एवं अन्य सामग्री सुलभ करना सुनिश्चित किया जाए। सौ दिनों के अभियान में सभी स्कूलों में विद्यार्थियों की वास्तविक स्थिति की प्रविष्टि सीजीस्कूलडॉटइन पोर्टल में अनिवार्यतः रूप से कर उनका सैंपल चेेक किया जाए। अभियान में समुदाय को सक्रिय करते हुए उनसे अधिकाधिक समर्थन लेना एवं बच्चों की उपलब्धि में सुधार हेतु सतत् प्रयास किया जाए। उपचारात्मक शिक्षा कार्यक्रम का क्रियान्वयन-प्राथमिक स्कूल में सरल, उच्च प्राथमिक स्कूलों में नवा जतन, हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल में नियमित उपचारात्मक शिक्षण किया जाए। छोटे बच्चों को घर में रहकर सीखने का अवसर देने के लिए अंगना म शिक्षा कार्यक्रम को अपनाया जाए। विभिन्न स्तरों से सघन नियमित निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।