रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू के विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु 11,143 करोड़ 37 लाख 42 हजार रूपए की अनुदान मांगे सर्व सम्मति से पारित की गई। इनमें लोक निर्माण विभाग अंतर्गत सड़के और पुल के लिए 2 हजार 605 करोड़ 76 लाख 67 हजार रूपए, भवनों के लिए 1503 करोड़ 50 लाख 86 हजार रूपए, लोक निर्माण विभाग से संबंधित विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 940 करोड़ 15 लाख 3 हजार रूपए तथा पुलिस के लिए 5 हजार 665 करोड़ 78 लाख 22 हजार रूपए, गृह विभाग से संबंधित अन्य व्यय के लिए 85 करोड़ 67 लाख 96 हजार रूपए, जेल विभाग के लिए 197 करोड़ 49 लाख 50 हजार रूपए, धार्मिक न्यास और धर्मस्व के लिए 18 करोड़ 75 लाख रूपए और पर्यटन विभाग के लिए 126 करोड़ 24 लाख 18 हजार रूपए शामिल है। अनुदान मांगों की चर्चा में सदस्यगण सर्वश्री शिवरतन शर्मा, मोहन मरकाम, अजय चन्द्राकर, आशीष छाबड़ा, धरमजीत सिंह, श्रीमती सरिता सिन्हा, ननकी राम कंवर, केशव प्रसाद चन्द्राकर, भुनेश्वर बघेल, नारायण चंदेल, रामकुमार यादव, श्रीमती इन्दु बंजारे और डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने भाग लिया।
गृह मंत्री श्री साहू ने अनुदान मांगों की चर्चा के जवाब देते हुए सदन में कहा कि यह बजट गढ़बों नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना का बजट है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सभी वर्गों के विकास के लिए बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने सदन में कहा कि हमारी सरकार बनने के पहले साल ही सही मायने में काम करने का मौका मिला। उसके बाद कोरोना महामारी के कारण कुछ विकास कार्य अवश्य प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार कोरोना महामारी की चुनौतीपूर्ण समय का सामना करते हुए सर्वप्रथम लोगों की जान बचाने का काम किया। हमारी सरकार ने चाहे अस्पतालों में अच्छी व्यवस्था करने की बात हो, प्रवासी मजदूरों को लाने-लेजाने, उनकी भोजन व्यवस्था, सुरक्षा सहित अन्य जनहित के कार्यों को प्राथमिकता से किया।
गृह मंत्री श्री साहू ने सदन में कहा कि जवाहर सेतु योजना सरकार की घोषणा पत्र का हिस्सा है। इसके तहत राज्य के सभी पहुंचविहीन गांवों को कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए सभी नदियों और नालों में पुलों का निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत 84 पुल कार्यों के लिए 568 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें 9 कार्य पूर्ण एवं 61 कार्य प्रगति पर तथा 12 कार्य निविदा स्तर पर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत जनसामान्य की सुविधा के लिए प्रदेश के सभी शासकीय भवनों, चिकित्सालय, स्कूल-कॉलेज, पंचायत भवन, उचित मूल्य की दुकान, आंगनबाड़ी सहित अन्य शासकीय शैक्षणिक संस्थानों के भवन हाट बाजार, शमशान घाट, मेला स्थल एवं धान संग्रहण केन्द्रों को मुख्य मार्ग से बारहमासी पक्की सड़क से जोड़ने काम किया जा रहा है। अब तक कुल 726 किलोमीटर लम्बाई के 4142 मार्ग के लिए 495 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं। इनमें 1125 मार्ग पूर्ण कर लिया गया है एवं 856 मार्ग प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि बस्तर एवं आदिवासी बहुल क्षेत्र का विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विकास हेतु निरंतर सड़कों के निर्माण एवं उन्नयन का कार्य किया जा रहा है। मंत्री श्री साहू ने कहा कि लोक निर्माण विभाग अंतर्गत सड़कों के सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण एवं पुल-पुलिया आदि निर्माण कार्यों के लिए 6638 करोड़ 18 लाख 36 हजार रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बेरोजगार इंजीनियरों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है। जिससे शिक्षित बेरोजगार इंजीनियरों को डिप्लोमा, डिग्री और मास्टर डिग्री के आधार पर उन्हें 15 हजार, 25 हजार और 50 हजार रूपए मासिक मानदेय उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
मंत्री श्री साहू ने कहा कि गृह विभाग द्वारा प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति मोबाइल एप विकसित किया गया है। जिससे ऑनलाईन शिकायत के बाद त्वरित कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में पुलिस मुख्यालय स्तर पर राज्य साइबर पुलिस थाना एवं आधुनिक साइबर लैब कार्यरत है। वर्ष 2021 में हेल्पलाइन नम्बर के माध्यम से साइबर फ्राड के अंतर्गत 2.47 करोड़ रूपए होल्ड कराया गया। वर्ष 2022 में रायपुर, दुर्ग एवं बिलासपुर जिले में एंटी क्राइम एवं साइबर यूनिट स्थापित किए गए हैं। साइबर जागरूकता के विशेष कार्यक्रम पूरे राज्य में चलाए जा रहे हैं।
इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा डायल 112 योजना संचालित की जा रही है। पहले राज्य के 11 जिलों में संचालित की गई थी। योजना की सफलता को देखते हुए सभी 28 राज्यों में डायल 112 योजना संचालित करने का निर्णय लिया गया है। श्री साहू ने बताया कि राज्य में स्वीकृत पुलिस बल की संख्या 78 हजार 698 हो गई है। वर्तमान में राज्य में 467 पुलिस थाने एवं 115 पुलिस चौकी स्वीकृत है। उन्होंने कहा कि यातायात व्यवस्था में सुधार एवं सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए आवश्यक संसाधन जैसे- हाईवे पेट्रोलियम वाहन, क्रेन, स्पीड राडरगन, एनालाईजर, स्टॉपर इत्यादि की व्यवस्था की जा रही है। श्री साहू ने कहा कि राज्य में माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय रिजर्%B