रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर के कोटा स्थित विवेकानंद विद्यापीठ पहुंचकर स्वामी सत्यरूपानंद जी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने स्वामी सत्यरूपानंद जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। श्री बघेल ने इस अवसर पर परिसर स्थित रामकृष्ण प्रार्थना मंदिर में जाकर प्रार्थना की और वहां भंडारा में भी शामिल हुए। इस अवसर पर विवेकानंद विद्यापीठ के सचिव श्री ओम प्रकाश वर्मा, सह-सचिव स्वामी अव्ययात्मानंद महाराज और सदस्य श्री वीरेंद्र वर्मा सहित अनेक पदाधिकारी और विवेकानंद विद्यापीठ के अनेक सन्यासी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने विद्यापीठ के विद्यार्थियों के बीच पहुँचकर बड़ी आत्मीयता के साथ उनके घर-परिवार और पढ़ाई के बारे में जानकारी ली और उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि स्वामी सत्यरूपानंद महाराज जी ने स्वामी आत्मानंद जी के साथ छत्तीसगढ़ को रामकृष्ण भाव धारा से जोड़ने का बड़ा काम किया। उनका रायपुर के विवेकानंद आश्रम की स्थापना सहित भिलाई, बिलासपुर, अमरकंटक और नारायणपुर के आश्रम की स्थापना में बड़ा योगदान था। आश्रम के माध्यम से समाज सेवा के अनेक कार्य किए गए। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेलकूद की गतिविधियां संचालित की गई। अकाल के समय आश्रम द्वारा आस-पास के गांव में राहत कार्य चलाए गए। बांग्लादेश युद्ध के समय वहां से आए शरणार्थियों को रायपुर के माना और पखांजूर में बसाने में भी विवेकानंद आश्रम का बड़ा योगदान रहा। स्वामी सत्यरूपानन्द महाराज जी उन महापुरुषों की श्रृंखला की आखिरी कड़ी थे, जिन्होंने छत्तीसगढ़ को रामकृष्ण भावधारा से जोड़ने का काम किया, उनका देहावसान एक युग का अवसान है।