0 भाजपा विधायक सौरभ सिंह जो झूठे पत्र लिखकर पीएम को गुमराह कर सकते हैं क्या वो भोली-भाली जनता के साथ ईमानदारी से पेश आते होंगे
0 भाजपा के वरिष्ठ विधायक ननकीराम कंवर ने भाजपा के ही विधायक सौरभ सिंह के झूठे पत्र की पोल खोल दी
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के विधायकों, सांसदों का चरित्र ही झूठ बोलना अफवाह फैलाना और गुमराह कर राजनीति करना है। जो भाजपा विधायक देश के प्रधानमंत्री को झूठे पत्र लिखकर गुमराह कर सकते हैं, कल्पना कीजिए वो क्षेत्र के भोली-भाली जनता के साथ किस प्रकार का बर्ताव करते होंगे! भाजपा विधायक सौरभ सिंह के द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर डीएमएफ फंड की बंदरबांट का जो आरोप लगाया गया था। उसे निराधार बेबुनियाद और स्वहित से प्रेरित बताकर पूर्व गृह मंत्री एवं भाजपा के ही वरिष्ठ विधायक ननकीराम कंवर ने पीएम को पत्र लिखा है और डीएमएफ फंड को आम जनता के हित में खर्च करने की बात को स्वीकार कर सौरभ सिंह सहित भाजपा के अन्य नेताओं को आईना दिखाने का काम किया है जो डीएमएफ फंड को लेकर लगातार झूठ की राजनीति कर रहे थे ।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्व के रमन सरकार के दौरान डीएमएफ फंड को खनन प्रभावित क्षेत्रों के जनता के हित में खर्च नहीं किया जाता रहा है बल्कि उस दौरान डीएमएफ फंड की राशि से स्विमिंग पूल और लिफ्ट लगाए जाते रहे हैं। विदेश यात्रा करते रहे है भाजपा के केंद्रीय नेताओ के अगवानी में भीड़ इकठ्टा करते थे, फूल-माला बरसाते थे। 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान तो प्रदेश की जनता ने देखा है कि रमन सिंह के दबाव में अधिकारियों ने डीएमएफ फंड से चुनाव को प्रभावित करने शराब, कंबल, बर्तन और अन्य सामग्री बांट कर जनता को भाजपा के वोट देने प्रेरित किया था। लेकिन जनता ने करारा जवाब दिया और भाजपा को 15 सीट मिलाकर समेट दिए।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के विधायक झूठे पत्र लिखकर प्रधानमंत्री को जो गुमराह करते हैं लेकिन राज्य के हित में कभी प्रधानमंत्री को पत्र नहीं लिखते हैं। केंद्र सरकार ने सेंट्रल पुल में राज्य के किसानों के धान से बने उसना चावल को लेने से मना कर दिया गया, किसानों के लिए खाद, बारदाना नहीं दिया गया, केंद्रीय योजना के फंड को रोका गया तब भाजपा के विधायकों के कलम की स्याही सूख गई थी या इनकी हिम्मत नहीं थी।